जोशीमठ में हुए भू-धंसाव के बीच लोगों के घरों में आईं दरारों ने खतरे को बढ़ाने के साथ भविष्य की खुशियों के उत्सव पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। जोशीमठ भू धंसाव के खतरे के बाद कई लोगों को प्रशासन से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया और कुछ लोगों को शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। घर छोड़ने वालों में से कई परिवार ऐसे हैं जिनके यहां शादी समारोह, पूजा समेत अन्य परिवारिक कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। लेकिन दुर्भाग्य ही कहें इन घरों में प्रशासन के लाल खतरे के निशान लगाने के बाद ये लोग अपने घरों को छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
मायके से ‘विदाई’ पाना हर लड़की का सपना होता है। ये कहना है कि मार्च में जिस युवती की शादी तय हुई उसका। मार्च में ज्योति की शादी होनी है। शादी का सारा सामान खरीद कर घर में रख दिया गया था, लेकिन अब प्रशासन ने उनके घर पर लाल निशान लगा दिया है। उनसे घर खाली करने को कहा जा रहा है। ज्योति कहती हैं कि उनका विवाह जोशीमठ में होना था, लेकिन लगता नहीं कि अब ऐसा कभी हो पाएगा। ज्योति की मां भी दुखी हैं। वो कहती हैं कि हमने शादी का सारा सामान खरीद लिया था, जिसे घर में रखा गया है। अब प्रशासन ने हमारे घर की दीवारों पर क्रॉस का निशान लगा दिया है। हमें नहीं पता कि अब क्या करें और कहां जाएं।
वहीं ज्योति की मां भी जोशीमठ भू धंसाव से बहुत दुखी हैं। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी की शादी मार्च में है। लेकिन प्रशासन ने हमारे घर की दीवारों पर क्रॉस का निशान लगा दिया है। अब हमें नहीं पता कि क्या करें और कहां जाए। शादी के लिए खरीदा सामान कहां रखेंगे? मैं अपनी बेटी की शादी यहीं से करना चाहती थी। भगवान जाने अब क्या होगा। जोशीमठ में हो रहा भूधंसाव में अभी तक 800 के लगभग लोगों ने अपने घरौंदों को छोड़ दिए हैं। जिनमें 300 लोग, जो नौकरी, अपने बच्चों के बेहतर पढ़ाई और उनके भविष्य को लेकर जोशीमठ आए थे। लेकिन अब नगर छोड़कर अपने गांव वापस लौट गए हैं। पलायन करने वालों में कुछ किराएदार भी शामिल हैं। जबकि 400 के लगभग लोगों की खाने और रहने की व्यवस्था राहत शिविरों में की गई है।