पौड़ी गढ़वाल जिले का प्रवेश द्वार कोटद्वार शहर भी अब केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी नमामि गंगे कार्यक्रम में शामिल हो गया है। Namami Gange Project in Uttarakhand राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की नई दिल्ली में हुई बैठक में कोटद्वार में खोह नदी में गिरने वाले नौ नालों की टैपिंग और 21 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) क्षमता के एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) निर्माण को 135 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई। यह स्वीकृति राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और जल शक्ति मंत्रालय की 52वीं कार्यकारी समिति की बैठक में दी गई। ऐसे में अब इस बजट से खोह नदी में गिरने वाले नालों को टैप किया जाएगा।
बजट की स्वीकृति होने पर सीएम पुष्कर धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार जताया है। खास बात ये है कि इस बैठक में पौड़ी जिले के उन नदियों की भी चर्चा हुई है, जो नमामि गंगा का हिस्सा अभी तक नहीं थी। वहीं, बैठक में निर्णय लिया गया है कि उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार शहर में बहने वाली खोह नदी में गिरने वाले सभी 9 नालों को टैप किया जाएगा। साथ ही 21 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) सीवेज शोधन संयंत्र का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा। बता दें की खोह नदी कोटद्वार नगर से बहते हुए रामगंगा नदी में मिलती है, जो कि आगे जाकर गंगा नदी में गिरती है। इस वजह से यह गंगा की प्रमुख सहायक नदी भी है। परियोजना के निर्माण से खोह और रामगंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में तो सुधार होगा ही, साथ ही गंगा नदी में दूषित जल का प्रवाह रूकेगा।