सांप की तस्करी: देहरादून जू से चोरी हुआ किंग कोबरा MP के इंदौर जू की बढ़ा रहा शोभा! चौकाने वाला मामला

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देहरादून जू में जनवरी 2020 से पहले एक दस फीट लंबा किंग कोबरा लाया गया था यहां उसे सर्पेनटाइन हाउस में लोगों के देखने के लिए इनक्लोजर में रखा गया था। लेकिन, करीब तीन महीने पहले ये किंग कोबरा अचानक गायब हो गया। जू के इनक्लोजर से उसका पोस्टर हटाकर चेकरकिल बैक सांप का पोस्टर लगा दिया गया है और इनक्लोजर में अब किंग कोबरा के बजाए चेकरकिल बैक सांप रखा गया है। इसमें बड़ा मामला सामने आ सकता है। दरअसल, जू में किसी भी जानवर को बिना चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन या बिना सेंट्रल जू अथॉरिटी की परिमिशन के नहीं रख सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार देहरादून जू में रखा गया किंग कोबरा रेस्क्यू करके लाया गया था। बिना अनुमति के इसे चुपचाप जू में आम पब्लिक के लिए रख दिया गया। इस बीच एक वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट पंकज पोखरियाल ने किंग कोबरा को जू में रखे जाने की परमिशन आदि के बारे में आरटीआई फाइल कर दी। इसकी भनक लगते ही जू प्रशासन ने अपनी गर्दन बचाने के लिए जू से किंग कोबरा को ही गायब कर दिया। मामले में सामने आया कि देहरादून जू से गायब हुआ किंग कोबरा मध्य प्रदेश के इंदौर जू की शोभा बढ़ा रहा है। सवाल उठता है कि देहरादून जू का किंग कोबरा इंदौर कैसे पहुंचा। इसका जवाब भी जू प्रशासन के पास नहीं है।

एमपी के न्यूज चैनल और अखबारों में छपी खबर से भी इसकी पुष्टि हुई है। जिसमें कहा गया है कि एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत देहरादून जू से इंदौर जू में किंग कोबरा लाया गया। बिना वैध प्रमाण पत्र के इस तरह वाइल्ड एनिमल का ट्रांसपोर्टेशन एक तरह से अवेध तस्करी है। ये बड़ा अपराध है। अवैध तरीके से पहले आप किंग कोबरा को सालों तक क्लोजर में रखते हैं और फिर अवैध तरीके से ही उसको दूसरे प्रदेश में भेज देते हैं। ऐसे गैर जिम्मेदार ऑफिसर्स के खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए। उत्तराखड के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा का कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। उन्होंने जू के डायरेक्टर को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।