जी हां दोस्तो उत्तराखंड में चर्चा एक बार फिर कांग्रसे की हो रही है, कांग्रेस ने बड़ा फैसला देते हुए प्रदेश की कमान गणेश गोदियाल को सौंप दी, लेकिन राह अभी इतनी आसान नहीं लग रही है वो कैसे बताउंगा Congress Changed State President आपको साथ ही कैसे कांग्रेस में बदलाव से भी नहीं थमी रार, अब वो कौन से बयान है जो कांग्रेस के लिए परेशानी बन सकते हैं। दोस्तो उत्तराखंड में सत्ता से दूर हुए दस साल हो जाएंगे। लेकिन क्या इन बीते दस सालों में आपने कोई ऐसा बदलाव देखा जिससे आप कह सके हैं कि हां इस बार कांग्रेस का ये प्लान, बदलाव कांग्रेस के लिए राम बाण साबित होगा। बीजेपी को पछाड़ने के लिए, शायद नहीं या फिर बेहद कम, लेकिन जो बयान सामने आये उन्होंने कांग्रेस की किरकिरी कराने का काम किया। अब दिखिए दोस्तो एक तरफ कांग्रेस प्रदेश में बड़े बदलवाल करके आगे की रणनीति बनाने में जुड़ी है कि कैसे 27 का रण कांग्रेस जीत पाए। इधर कांग्रेस की रार की भी शुरुआत हो गई है ऐसा लकता है। जब नए कप्ताल गणेश गोदियाल अपनी विजन बता रहे थे, तो वहीं दूसरी और पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस करन माहरा का बयान आ रहा था, साथ ही पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा दिया गया एक बयान यहां भी पीछा करते-करते पहुंच गया। तो दोस्तो कैसे कांग्रेस में एक राय बदलाव के बाद भी नहीं दिखती वो आपको पहले दिखाता हूं।
दोस्तो थोड़ा पीछे लेकर चलता हूं आपको याद होगा कि बीते दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के एक बयान ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। जिसमें उन्होंने उत्तराखंड में नेतृत्व ब्राह्मणों के हाथ में देने की बात कही थी. हरीश रावत के बयान के प्रदेश में कई तरह के मायने निकाले जा रहे थे…एक तरफ बीजेपी में ब्राह्मण समुदाय से आने वाले कई चेहरों की हो रही नजरअंदाजी पर तंज कस रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में नेतृत्व दिए जाने को लेकर उनका यह इशारा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था। लेकिन कैसे गणेश गोदियाल की ताजपोशी पर ये सवाल हलचल मचा गया। अब दोस्तो ये भी सचहै कि प्रदेश के नये बनाए गए अध्यक्ष गणेश गोदियाल न सिर्फ ब्राह्मण चेहरा हैं। पूर्व में रमेश पोखरियाल निशंक और धन सिंह रावत जैसे दिग्गजों को चुनाव में धूल चटा चुके हैं। गणेश गोदियाल के उत्तराखंड कांग्रेस चीफ बनने के पीछे हरीश रावत की मुराद भी है क्या जिसे हाईकमान ने पूरा किया है, लेकिन आज तो गोदियाल इस बायन और इस तरह की राजनीति से खुद को अगल-अलग दिखा रहे हैं, तो उधर हरीश रावत अब भी कह रहे हैं कि उनके मुंह से सच निकला है।
खैर आगे जा कर कितना फायदा कांग्रेस का मिलेगा ये तो वक्त बताएंगा, लेकिन दोस्तो जब हरीश रावत ने ये बयान दिया था। तब ही ये कयास लगाया जा रहा था कि क्या हरीश रावत उत्तराखंड कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष की कमान गणेश गोदयाल को थमाना चाहते हैं। यही वजह रही कि वो एक तीर से कई निशाने साधते दिखाई दिए थे। हरीश रावत के बयान के बाद कई तरह की चर्चाएं उत्तराखंड के सियासी गलियारों में तैर रही हैं। लेकिन यहां दोस्तो एक तरफ जातिगत राजनीति को लेकर कांग्रेस पर बीजेपी वाले भड़क गए थे, तो वहीं कांग्रेस में तब भी ऐसे बयानों को लेकर एक राह नहीं थी और आज भी एक राय नहीं जब गोदियाल को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है, लेकिन क्य कह रहे हैं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष करन माहरा। दोस्तो करन माहरा ने कह दिया कि कैसे उनको किसी का साथ नहीं मिला। दोस्तो तमाम सवालों के बीजेपी कांग्रेस हाईकमान ने उत्तराखंड में बड़ा संगठनात्मक बदलाव करते हुए गणेश गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटीका नया अध्यक्ष नियुक्त तो कर दिया है..लेकिन सवाल अभी वो ही कि कैसे कांग्रेस जब 2022 का चुनाव गोदियाल की अध्यक्षता में लड़ी थी, तो सत्ता में आते आते कैसे रह गई थी हांलाकि प्रदेश संगठन को नई ऊर्जा देने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने दो अहम समितियों की भी घोषणा की है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को चुनाव प्रबंधन समिति का चेयरमैन नियुक्त किया गया है इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी ने outgoing प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा को उनके कार्यकाल और योगदान के लिए धन्यवाद देते हुए कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया है। अब देखना ये है कि क्या कांग्रेस अपनी गुटबाजी को खत्म कर, नए प्लान के साथ चुनाव में हुंकार भर, क्या सत्ता में वापसी कर पाती है या नहीं।