ड्रोन मैपिंग से होगा भूमि का सर्वे और चिन्हांकन | Uttarakhand News | Haldwani News

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उत्तराखंड में जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर एक बड़ी खबर निकल कर आई जहां प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए। खरीद बिक्री – नवनिर्माण पर लगी रोक, साथ ही कह दिया कि ड्रोन मैपिंग से होगा भूमि का सर्वे और चिन्हांकन। Land survey will be done through drone mapping पूरी खबर बताने आया हूं दगड़ियों की आखिर प्रशासन ने ये फैसला क्यों लिया है? अब अवैध कब्जे और अतिक्रमण पर होगी कड़ी कार्रवाई आदेश उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई तय है। दरअसल दोस्तो नैनीताल जिले के दमुआढूंगा क्षेत्र स्थित ग्राम जवाहर ज्योति में किसी भी प्रकार के नए निर्माण, भूमि की खरीद-फरोख्त, अतिक्रमण या सीमांकन में बदलाव पर रोक लगा दी गई है। एसडीएम हल्द्वानी ने उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम, 1901 की धारा-48 के तहत 21 अगस्त 2025 को जारी अधिसूचना के अनुपालन में आदेश जारी किया है। अब भूमि सर्वेक्षण और अभिलेखों के रिकॉर्ड ऑपरेशन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

इस दौरान अवैध निर्माण और अतिक्रमण रोकने के लिए यह प्रतिबंधात्मक कदम उठाया गया है। दोस्तो एसडीएम राहुल शाह हल्द्वानी ने आदेश में स्पष्ट किया है कि अगली सूचना तक दमुआढूंगा क्षेत्र में किसी भी प्रकार का नया निर्माण, भूमि क्रय-विक्रय या सीमांकन परिवर्तन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। क्षेत्रीय राजस्व अधिकारी और लेखपाल नियमित रूप से निगरानी करेंगे, साथ ही स्थानीय पुलिस को आदेश के सख्त अनुपालन के निर्देश दिए गए हैं और उल्लंघन कि स्थिति में संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध विधिसम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दोस्तो जिलाधिकारी नैनीताल की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद भूमि के उचित चिन्हांकन, नालों, ड्रेनेज, मार्गों और सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित भूमि का संरक्षण करने, अवैध कब्जे और निर्माण को रोकने के लिए यह प्रतिबंध लगाया गया है। दोस्तो नैनीताल जिले के दमुआढूंगा क्षेत्र के जवाहर ज्योति गांव में अब किसी भी तरह का नया निर्माण, ज़मीन की खरीद-फरोख्त, सीमांकन में बदलाव या अतिक्रमण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह फैसला 21 अगस्त 2025 को एसडीएम हल्द्वानी द्वारा जारी आदेश के बाद लिया गया है।

इतना ही नहीं है दोस्तो अब इस आदेश के तहत अब इलाके में ड्रोन मैपिंग और भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसका मकसद है – क्षेत्र में मौजूद सभी घरों, खेतों और सार्वजनिक स्थलों का सही रिकॉर्ड बनाना और मालिकाना हक तय करना। राजस्व उपनिरीक्षक और लेखपालों को नियमित रूप से इलाके की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कहीं कोई अवैध निर्माण या कब्जा होता है, तो उसकी तुरंत सूचना अधिकारियों को देनी होगी। दोस्तो यहां आपको बता दूं कि जवाहर ज्योति दमुआढूंगा की बसावट 1950 से पहले की बताई जाती है। यह क्षेत्र अब नगर निगम के दो वार्डों में शामिल है और यहां लगभग 14,000 लोग रहते हैं, तो इधर दमुआढूंगा को राजस्व गांव बनाने की मांग लंबे समय से चल रही थी। 2016 में कांग्रेस सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी की थी, लेकिन 2021 में इसे रद्द कर दिया गया। अब 2025 में फिर से अधिसूचना लागू की गई है, जिससे लोगों को काफी राहत मिली है। एसडीएम की अगुवाई में एक टीम का गठन भी कर दिया गया है, जो जल्दी ही रिकॉर्ड सर्वे का काम शुरू करेगी। इसके बाद इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को कानूनी मालिकाना हक भी मिलने की प्रक्रिया शुरू होगी।