Joshimath: भू-धंसाव ने फिर बढ़ाई चिंता…झुकने लगे दरारों वाले मकान, 43 दिनों से नही निकला कोई निष्कर्ष

Share

जोशीमठ में भू-धंसाव की आपदा के 43 दिन बीत गए हैं। मगर, उत्तराखंड सरकार ने प्रभावितों के लिए कोई नई नीति नहीं बनाई है। ड़ेढ महीने बीत जाने का बाद भी स्थिति जस की तस है। ऐसे में अब लोगों की आस भी धीरे-धीरे टूटती जा रही है। अभी तक किसी को भी मुआवजे के नाम पर 1 लाख 50 हजार से अधिक नहीं मिला है। ऐसे में किसी की समझ में नहीं आ रहा है कि अब क्या होगा? पीड़ित परिवार अभी भी राहत शिविरों के एक-एक कमरों में रहने को मजबूर हैं। पिछले कुछ दिनों से भले ही मकानों में नई दरारें आने का मामला सामने नहीं आया है लेकिन जिन मकानों में पहले से दरारें आई हैं वह अब झुकने लगे हैं। साथ ही कुछ जगहों पर जमीन में गड्ढे हो रहे हैं जिसने नगर के लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।

नगर के सिंहधार वार्ड में होटल माउंट व्यू और मलारी इन के पीछे के मकानों में पहले से दरारें आई हुई हैं लेकिन अब दरारें बढ़ने लगी हैं और कुछ मकान भी झुकने लगे हैं। इस क्षेत्र के परिवारों को प्रशासन ने पहले ही नगर पालिका और गुरुद्वारे में बने राहत शिविरों में शिफ्ट किया हुआ है। इन घरों के अंदर और बाहर दरारें बढ़ रही हैं। वहीं अब नगर में जमीन और घरों में दरार आने के बाद जमीन में गड्ढे हो रहे हैं जो लोगों के लिए रहस्य बने हैं। सभी जगह पर पहले छोटा गड्ढा बन रहा है। बाद में वह बड़ा होता जा रहा है। जगह-जगह हो रहे इन गड्ढों ने स्थानीय लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। बता दें कि आज उत्तराखंड राज्य कैबिनेट की बैठक होने वाली है। बताया जा रहा है कि इसमें जोशीमठ के सर्किल रेट पर मुहर लग सकती है। इसकी उम्मीद प्रभावितों को है। इसी उम्मीद के साथ अभी तक प्रभावित आस लगाए बैठे हैं।