गंगोत्री हाईवे पर स्थित ओपन टनल के पीछे लगातार भूस्खलन हो रहा है। लगातार हो रहे भूस्खलन के बावजूद भी इसे नजरंदाज किया जा रहा है। Gangotri Highway Open Tunnel Landslide एनएचआईडीसीएल ने टनल के नीचे भूस्खलन प्रभावित हिस्से का उपचार कराया है, लेकिन टनल के पीछे भूस्खलन प्रभावित हिस्से को बिना उपचार के ही छोड़ दिया है। जिससे दिनों दिन बढ़ते भूस्खलन के मलबे से टनल की दीवार पर दबाव बढ़ता जा रहा है, जो भविष्य में बड़ा खतरा बन सकता है। बता दे, 2010 में जिला मुख्यालय से गुजरने वाले गंगोत्री हाईवे पर चुंगी बड़ेथी क्षेत्र में भूस्खलन जोन सक्रिय है। इस हिस्से में एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड) ने 28 करोड़ की लागत से भूस्खलन प्रभावित पहाड़ी का उपचार कराया लेकिन यह भी कारगर नहीं दिखाई देने पर यहां गैलरी के रूप में ओपन टनल बनाई गई।
वर्ष 2021 में बनकर तैयार इस ओपन टनल के नीचे पहली बार भूस्खलन अगस्त 2021 में हुआ। भागीरथी नदी के किनारे ओपन टनल से लगा 50 मीटर हिस्सा गिरकर नदी में समा गया। बीते जुलाई माह में भी इस टनल के नीचे और पीछे भारी भूस्खलन हुआ। हाल में यहां एनएचआईडीसीएल ने टनल के नीचे भूस्खलन प्रभावित हिस्से का रॉक बोल्टिंग कर ट्रीटमेंट कराया। सुरंग के पीछे हुए भूस्खलन की ओर से ध्यान नहीं दिया गया। टनल के पीछे भूस्खलन का मलबा भरा हुआ है। एक जगह तो भारी मात्रा में मलबा आकर टनल की दीवार से लग गया है। जिससे टनल की दीवार पर दबाव पड़ रहा है। अगर मालवा नही हटाया जाता तो भविष्य में परेशानी बढ़ सकती है।