Uttarakashi News: पुरोला में धारा 144 हटते ही शांति बहाल हो गई है. अब धीरे- धीरे यहां पिछले 23 दिन से बंद पड़ी समुदाय विशेष की दुकानें खुली। पुरोला नगर क्षेत्र में 26 मई को नाबालिग लड़की के अपहरण प्रकरण में घटना के बाद से मुस्लिम समुदाय के लोगों के व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद थे। मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों ने 8 दुकानें शनिवार को पुलिस सुरक्षा में खोली गई, जबकि कुछ लोगों की दुकानें अभी भी बंद पड़ी हैं। वहीं, जो लोग कुछ ही वर्षों से अस्थायी तौर पर यहां व्यवसाय कर रहे थे, वो पहले ही क्षेत्र में पनपते आक्रोश को देखते हुए दुकानें बंद कर यहां से जा चुके हैं। बीती 26 मई को पुरोला में कुछ स्थानीय लोगों ने मुस्लिम युवक समेत दो लोगों को एक नाबालिग लड़की के साथ पकड़ा। आरोप है कि दोनों युवक नाबालिग को भगाने का प्रयास कर रहे थे। दोनों युवक इस समय जेल में हैं। इस मामले को कुछ हिंदू संगठनों ने कथित लव जिहाद से जोड़ दिया था। इस घटना के बाद वहीं पर मुस्लिम व्यापारियों को दुकान खाली करने की धमकी दी गई। कुछ मुस्लिम व्यापारियों ने डर के मारे अपनी दुकानें खाली भी कर दी थी। जिसके बाद आज पुलिस सुरक्षा के बीच उनकी दुकानें खोली गई।
ये पूरा विवाद 26 मई 2023 को शुरू हुआ। जब पुरोला में एक मुस्लिम युवक उबैद खान और उसके दोस्त जितेंद्र सैनी को कुछ लोगों ने पकड़ लिया। आरोप था कि ये दोनों युवक पुरोला क्षेत्र की हिंदू नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगाने का प्रयास कर रहे थे। लोगों ने दोनों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद उन्होंने मामले को हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा बनाने के अलावा लव जिहाद से जोड़ दिया। इसके बाद तो मामला और गरमा गया। स्थानीय लोगों ने बाहरी व्यापारियों और मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाने पर ले लिया। 27 मई को आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने पुरोला में मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सभी को पुरोला छोड़कर जाने की चेतावनी दी जाने लगी, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में डर का माहौल बन गया। इसी बीच 4 जून की रात हिंदूवादी संगठनों ने मुस्लिम दुकानदारों के प्रतिष्ठान के बाहर चेतावनी भरे पोस्टर चस्पा कर दिए।