श्रावण मास की पवित्र कांवड़ यात्रा अब सुनियोजित साजिशों के निशाने पर है। संत समाज ने स्पष्ट कर दिया है कि अब चुप नहीं बैठा जाएगा। कांवड़ यात्रा की पवित्रता को अपवित्र करने वाले तत्वों पर सीधे कार्रवाई की जाएगी। Mahamandleshwar wrote a letter to CM Dhami महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी जी महाराज ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि कांवड़ मार्ग पर किसी भी गैर-हिंदू व्यक्ति को सेवा या विक्रय की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि पिछले वर्षों में कई गैर-हिंदू लोग भगवा वस्त्र धारण कर धार्मिक वस्तुएं बेचते पाए गए हैं, और सेवा शिविरों के नाम पर अपवित्रता फैलाने के गंभीर आरोप भी सामने आए हैं। अब संत समाज खुद मैदान में उतरने जा रहा है। स्वामी यतींद्रानंद गिरी जी ने स्पष्ट कहा है कि सभी संत और महामंडलेश्वर मिलकर सत्यापन अभियान चलाएंगे। इस अभियान के तहत सेवा दे रहे प्रत्येक व्यक्ति की धार्मिक पहचान की जांच की जाएगी।
अगर कोई व्यक्ति छद्मवेश में पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। यह अभियान हरिद्वार से लेकर नीलकंठ और अन्य प्रमुख पड़ावों तक चलाया जाएगा। संत समाज की मांग है कि प्रशासन इन साजिशों के प्रति सख्त रुख अपनाए और कांवड़ यात्रा मार्ग को पूरी तरह सनातन परंपरा के अनुरूप सुरक्षित बनाए। पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि प्रशासन समय रहते इन मांगों पर ध्यान नहीं देता, तो कांवड़ यात्रा में बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है और कानून- व्यवस्था की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। संत समाज इस बार पूरी तरह सक्रिय है और अब कोई भी अपवित्रता सहन नहीं की जाएगी। कांवड़ यात्रा सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था और तपस्या का प्रतीक है। इसे किसी भी रूप में अपमानित करने की कोशिश अब बर्दाश्त नहीं होगी।