उत्तराखण्ड में बड़ा एक्शन Cough Syrup प्रतिबंधित| Uttarakhand News | Cough Syrup Banned in India

Share

जी हां दोस्तो उत्तराखंड में cough syrup प्रतिबंधित, सरकार ने लिया बड़ा एक्शन। खांसी की दवा पर लगा बैन। दगड़ियो पूरी खबर के लेकर आया हूं कि आखिर cough syrup प्रतिबंधित! वो किस कंपनी की हैं। उसमें क्या खामिया देखने को मिली हैं सब बताउंगा। Cough syrup banned in Uttarakhand दोस्तो खांसी आई और लोग पहुंचे दवा की दुकान पर लेकिन अब वही दवाएं बन गई हैं खतरे की घंटी जी हां, उत्तराखंड में कई कफ सिरप पर लगा है प्रतिबंध — वो सिरप, जो सालों से घर-घर की मेडिकल किट का हिस्सा थी, अब सवालों के घेरे में हैं। स्वास्थ्य विभाग ने क्यों लिया ये बड़ा फैसला? किन कंपनियों की दवाएं हुईं बैन? और क्या इससे आम लोगों की सेहत पर पड़ेगा असर? आज की बड़ी खबर में करेंगे इस मेडिकल मिस्ट्री से पर्दा उठा के लिए आया हूं। दोस्तो देशभर में खाँसी जुकाम के लिए इस्तेमाल होने वाला कफ सिरप इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। इतना ही नहीं बल्कि देश के कुछ हिस्सों में कफ सिरप से बच्चों की मौत के अधिकांश मामले सामने आ चुके हैं, जिससे पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है।

वही इस बीच उत्तराखंड में कफ सिरप रेस्पि-फ्रेश टीआर को प्रतिबंधित कर दिया गया है, वो इसलिए दोस्तो क्योंकि गुजरात में बने इस सिरप के सैंपल अधिकांश राज्यों की जांच में फेल हो गए है ऐसे में सतर्कता बरतते हुए उत्तराखंड में इस पर प्रतिबंध लगाया गया है। दोस्तो अभी तक मिली जानकारी मिली उसके मुताबिक देशभर के कई हिस्सों में कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले सामने आने से पूरे देश मे सनसनी फैली। वही कफ सिरप को लेकर विभिन्न राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और कफ सिरप की जांच के लिए लगातार सैंपल भेजे जा रहे हैं। इस बीच उत्तराखंड सरकार ने बच्चों की खांसी के सिरप कोल्ड-ड्रिफ और डेक्सट्रो-मेथोरफेन हाइड्रोब्रोमाइड की बिक्री पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही विभिन्न मेडिकल स्टोर्स और अस्पताल में छापेमारी कर 49 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। दरअसल मध्य प्रदेश और राजस्थान में दोस्तो कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की थी जिसके तहत 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप ना देने और चार साल से कम उम्र के बच्चों के मामले में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि गुजरात के अहमदाबाद में तैयार रेस्पि-फ्रेश टीआर कफ सिरप को उत्तराखंड में प्रतिबंधित कर दिया गया है। गुजरात में बने इस सिरप के सैंपल कई राज्यों में फेल हो चुके हैं। बताते चलें ड्रग डिपार्टमेंट ने प्रतिबंधित दवाओं पर सख्ती से अमल करते हुए इस सिरप के साथ ही पूर्व प्रतिबंधित की गई सभी दवाओं का स्टॉक दुकानों से हटवाया जा रहा है। डॉक्टरों से भी प्रतिबंधित सिरप नहीं लिखने को कहा जा रहा है।

इसके अलावा केंद्र सरकार से बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप को लेकर गाइडलाइन जारी होने के बाद उत्तराखंड सरकार काफी गंभीर हो गई है। जिसके तहत तमाम मेडिकल स्टोरों में छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। एफडीए यानी खाद्य संरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग की टीमें प्रदेशभर में औचक निरीक्षण अभियान चला रही है। इसी कड़ी में देहरादून क्षेत्र में औषधि विभाग ने कई मेडिकल स्टोरों और शिशु रोग अस्पतालों के मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया। जहां से पीडियाट्रिक कफ सिरप के सैंपल लेकर जांच के लिए राज्य औषधि प्रयोगशाला भेजा गया। दरअसल, एफडीए के आयुक्त आर राजेश कुमार के निर्देश पर प्रदेश भर के सभी जिलों में सघन अभियान चलाया जा रहा है। विभाग का उद्देश्य है कि किसी भी मेडिकल स्टोर या अस्पताल में प्रतिबंधित, असुरक्षित या बिना अनुमति वाली औषधियां न बेची जाएं. ताकि, बच्चों की सेहत के साथ किसी भी प्रकार का खिडवाड़ न हो पाए, तो अब जब अगली बार आप खांसी की दवा लेने जाएं — दोस्तो तो सतर्क रहिएगा, क्योंकि जो दवा अब तक राहत देती थी, वो अब हो सकती है सेहत के लिए खतरा। उत्तराखंड सरकार का ये फैसला केवल फार्मा कंपनियों को नहीं, बल्कि हर आम नागरिक को एक बड़ा संदेश दे रहा है — जागरूक रहिए, सेहत से कोई समझौता नहीं, साथ ही दोस्तो मेरी भी कोशिश यही रहेगी कि मैं आपको समय पर सही और सटीक जानकारी पहुंचाता रहूं, ताकि आप न सिर्फ़ खबरों से जुड़ें, बल्कि खुद को और अपने परिवार को भी सुरक्षित रख सकें, याद रखिए — दवा वही सही, जो जांची-परखी हो।