उत्तराखंड में बड़ी कार्रवाई की उलटी गिनती! | Uttarakhand News | Dehradun News

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दोस्तो, उत्तराखंड में बड़ी कार्रवाई की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। हालात बेहद तनावपूर्ण होता देख, भारी पुलिस फोर्स, ड्रोन कैमरे, PAC की तैनाती। अब ऑपरेशन क्लीनफ़ॉरेस्ट शुरू होने ही वाला है! कितना पड़ेगा असर क्या बिगड़ेगा माहौल कहां और कैसे चलेगा बुलडोजर सब बताउंगा आपको। जी हां दोस्तो इलाका कुमाउं का है, हलद्वानी के बनभूलपुरा के बाद अब बारी नैनीताल जिले के रामनगर की है। यहां दोस्तो पुछड़ी क्षेत्र में वन विभाग की रिजर्व फॉरेस्ट भूमि से जल्द ही अतिक्रमण हटाने वाला है। अतिक्रमण हटाने के लिए वन विभाग के साथ-साथ पुलिस ने भी अपनी कमर कस ली है। इलाके में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक नैनीताल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात की गई है। इस इलाके में जल्द करीब 90 परिवारों पर कार्रवाई होगी। दोस्तो नैनीताल एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने साफ किया है कि सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा की नजर से पूरे क्षेत्र को पांच सुपर जोन में विभाजित किया गया है। दोस्तो इस पूरे अभियान के प्रभारी पुलिस अधीक्षक नैनीताल डॉ. जगदीश चंद्रा और सह प्रभारी पुलिस अधीक्षक हल्द्वानी मनोज कुमार कत्याल को बनाया गया है।

इसके अलावा क्षेत्राधिकारी लालकुआं दीप शिखा अग्रवाल, क्षेत्राधिकारी रामनगर सुमित पांडे, क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी अमित कुमार और क्षेत्राधिकारी नैनीताल रविकांत सेमवाल को अलग-अलग जोनों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यातायात व्यवस्था की कमान निरीक्षक वेद प्रकाश भट्ट को दी गई है। मै आपको पुलिस के व्यपक इंतजाम को और विस्तार से समझाउं उससे पहले दोस्तो आपको बता दूं कि रामनगर के पूछड़ी क्षेत्र में कोसी नदी किनारे वन भूमि पर बने करीब 170 घरों पर प्रशासन का शिकंजा कसा, तो गुरुवार को प्रशासन ने मुनादी कर चेतावनी दी कि यदि लोग स्वयं अपनी झोपड़ियां और मकान नहीं हटाते हैं तो बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी। हालात ये हैं कि इलाके में तनाव और भय का माहौल है, पिछले करीब 20 सालों से रह रहे लोगों के आँखों में मायूसी और गुस्सा साफ देखा जा सकता है। ग्रामीणों बताते हैं कि जैसे ही वन भूमि का मामला उठा हजारों लोग दहशत में आ गए। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी की नींद उड़ गई है। बच्चे रात में डरकर उठ जाते हैं कि घर गिर जाएगा। अपने हाथों से बनाया मकान उजड़ता देखना बहुत दर्दनाक है। ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि उजाड़ने से पहले पुनर्वास की व्यवस्था की जाए, क्योंकि कुछ दिनों की मोहलत में नया आशियाना ढूंढ पाना असंभव है। दोस्तो ये दर्द एक तरफ दूसरी तरफ वो कार्रवाई जिसको देखते हुए इंतजाम पूरे हो चुके हैं। दोस्तो अतिक्रमण हटाने की पूरी कार्रवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। ASP- तीन, सीओ- तीन,इंस्पेक्टर/एसओ- आठ, एएसआई- 55, हेड कांस्टेबल/कांस्टेबल -17, फायर यूनिट- चार, SDRF-तीन यूनिट, ड्रोन- दो. बैरियर- 100, प्रिजन वैन -तीन, PAC- आठ प्लाटून शामिल हैं।

दोस्तो इतना बड़ा इंतजाम का मतलब ये है कि यहां तनाव की आशंका ज्यादा है। दोस्तो पूरे क्षेत्र की निगरानी वीडियोग्राफी और ड्रोन कैमरों से की जा रही है। एसएसपी नैनीताल के निर्देश पर कुछ लोगों के खिलाफ प्रीवेंटिव डिटेंशन की कार्रवाई भी की गई है। प्रभारी निरीक्षक रामनगर सुशील जोशी को मौके पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। दोस्तो यहां बता दूं कि तराई पश्चिम रामनगर के डीएफओ प्रकाश आर्य ने बताते हैं कि अपर कोसी ब्लॉक क्षेत्र में 170 परिवारों को बेदखली का आदेश दिया गया था। इनमें से कुछ परिवार पहले ही स्वेच्छा से स्थान खाली कर चुके हैं. वर्तमान में लगभग 130 परिवार बचे थे, जिनमें से करीब 40 परिवार न्यायालय चले गए हैं, बाकी 90 परिवारों पर कल या परसो तक कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि पूरे क्षेत्र को 9 सेक्टर में बांटा गया है, जहां प्रत्येक सेक्टर में औसतन 10 से 12 भवन हैं। पहले चरण में लगभग 20 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण मुक्त कराई जाएगी। इसके साथ ही नगर पालिका के टचिंग ग्राउंड की एक हेक्टेयर भूमि से भी 3-4 परिवारों को हटाया जाएगा। वहीं एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि वन विभाग की ओर से प्राप्त अनुरोध के बाद पुलिस और प्रशासन के बीच पूरा समन्वय स्थापित किया गया है। स्टाफ को ब्रीफ कर दिया गया है और उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद जल्द ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। रामनगर में अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन पूरी तरह गंभीर है। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है और कानून व्यवस्था से खेलने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।