खांसी की दवाई को लेकर बड़ा अलर्ट, सरकार ने जारी की एडवाइजरी, बच्चों के लिए खास सावधानी जरूरी। जी हां दोस्तो खबर आपके और आपके बच्चों के बेहद अहम है। इसलिए छोटे बच्चों को न पिलाएं कफ सिरप, बताने के लिए आया हूं पूरी खबर। दगड़ियो छोटे बच्चों को खांसी होने पर अक्सर घरों में बिना सोच-विचार के कफ सिरप दे दिया जाता है, लेकिन अब सरकार ने इस पर सख्त चेतावनी जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी के मुताबिक, छह साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देना खतरनाक साबित हो सकता है। सवाल उठता है — जो दवा राहत देने के लिए दी जाती है, वही अगर खतरे की वजह बन जाए तो क्या करें? आज की रिपोर्ट में मै आपको बताने के लिए आया हूं कि सरकार ने क्यों दी ये चेतावनी, और माता-पिता को किन बातों का रखना होगा ध्यान, इसलिए आप से गुजारिश की आप अंततक मेरे साथ इस वीडियो में बने रहें ताकि कोई बात आप तक पहुंचे से रह ना जाए। दगड़ियो ये खबर अपने उत्तराखंड के लिए छोटे बच्चों और उनके माता पिता के लिए है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान से एक बेहद भयभीत कर देने वाला मामला सामने आ रहा है ,जहां पर बीते कुछ दिनों से कफ सिरप चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि इस बार कफ सिरप खाँसी जुकाम को ठीक करने नही बल्कि 12 बच्चों की मौत के कारण चर्चाओं में है, जिसने देशभर के लोगो को डरा दिया है। ऐसी स्थिति में गंभीर सवाल तो यह उठता है कि आखिर जान बचाने वाली दवा जहर क्यों बन रही है। बच्चों की मौत के बाद सरकार ने पूरे बैच पर रोक लगा दी है। वहीं शक के घेरे में आए कफ सिरप को जांच के लिए भेजा गया जिसकी रिपोर्ट सामने आई जिसमें दिल्ली से सीडीएससीओ पुणे मे वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट और मध्य प्रदेश सरकार ने 9 सैंपल की जांच पूरी की, लेकिन किसी भी सैंपल में कुछ भी संदिग्ध नही मिला। दगड़ियो जो जानकारी मिली उसके अनुसार मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के परासिया ब्लॉक मे करीब 1420 बच्चों की लिस्ट मौजूद है जो सर्दी बुखार और जुकाम से प्रभावित है। वहीं परासिया ब्लॉक मे नौ बच्चों की मौत का मामला सामने आया जिसके पीछे दो कफ सिरप कोल्डड्रिफ और चेन्नई नेक्सा डीएस को जिम्मेदार बताया जा रहा था जो हिमाचल में बनती है। उन्हें प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों ने भी अपने पर्चे में लिखा है, पहली मौत का मामला बीते 7 सितंबर को सामने आया था। इसके बाद राजस्थान में भी सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले सामने आए। अब राष्ट्रीय आयोग नियंत्रण केंद्र ने मामले की जांच शुरू कर दी है वहीं दूसरी ओर इस मामले में सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी करते हुए कहा गया की 2 साल से कम उम्र के बच्चों को सिरप ना पिलाएं।
दोस्तो आपको बता दूं कि राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए मुफ्त दवा योजना के तहत कायसन्स फार्मा की सभी दवाओं के वितरण पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही राजस्थान में जेनेरिक कफ सिरप की आपूर्ति करने वाली कायसन्स फार्मा की गहनता से जांच करने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि कायसन्स फार्मा को पहले भी ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है। बीते सोमवार को सीकर में एक पांच साल के बच्चे की मौत हो गई। पांच साल का बच्चा कफ सिरप लेने के बाद सो गया, रात में उठा तो उसे हिचकी आई, पानी पिया और फिर सो गया था लेकिन उसके बाद वो फिर कभी नहीं उठा। सिरप के कारण राजस्थान में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है जो बेहद चिंता का विषय है। दोस्तो स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिरप के उपयोग के लिए एडवाइजरी जीरी की। डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विस डॉक्टर सुनीता शर्मा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि बच्चों में होने वाली ज्यादातर खांसी की समस्या अपने आप ठीक हो जाती है इसके लिए दवा की जरूरत नहीं पड़ती। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी या जुकाम का सिरप बिल्कुल ना दें, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी इन दवाओं का उपयोग आमतौर पर न करने दें।
डॉक्टर की सलाह पर ही 5 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को सीरप पिलाएं। सही मात्रा और कम से कम दिनों के लिए दवा दी जाए एक साथ कई दवाओं का उपयोग न किया जाए, बच्चों को पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ आराम करने की सलाह और घरेलू और सहयोगी उपाय जैसे भाप लेना गुनगुने पानी पीने की सलाह दें। सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थान यह सुनिश्चित करें कि अच्छी गुणवत्ता वाली कंपनियों से ही दवा खरीदी जाए,दवा मे केवल फार्मास्यूटिकल ग्रेट सामग्री की उपयोग हो। डॉक्टर और फार्मासिस्टों को सही परामर्श और दवा देने के नियमों के प्रति जागरूक करें। दोस्तो तो साफ है कि अब छोटी-सी लापरवाही बड़े खतरे में बदल सकती है। सरकार की एडवाइजरी सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि बच्चों की सेहत को बचाने की एक जरूरी अपील है। अगर आपके घर में भी छोटे बच्चे हैं, तो बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी कफ सिरप न दें, सतर्क रहें, सुरक्षित रहें — और सही जानकारी के साथ ही फैसला लें। खबर को लाइक करें कमेंट करें और शेयर करें, ताकि हर कोई ये जान पाए की हो क्या रहा है।