उत्तराखंड में बड़ी ठगी धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ तो मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हो गई और पता चल गया कि कैसे बुना धोखाधड़ी का जाल, जी हां देहरादून में फाइनेंस फर्जीवाड़ा बेनकाब। हुआ तो पता चला कि लालच का जाल बिछाया गया। मुनाफे का सपना दिखाया गया, और जब आंख खुली तो निवेशकों की गाढ़ी कमाई गायब थी, लेकिन अब सवाल ये है कि क्या इस ठगी के खेल का अंत शुरू हो चुका है। दगड़ियो इस धोखाधड़ी की बड़ी खबर को मेने आपको दिखाया था और सवाल किया था, कि कैसे कुछ लोग उत्तराखंड की जनता को आसानी से ठग ले जाते हैं। अब शायद इस सवाल का जवाब आपको मेरी इस रिपोर्ट से मिल जाएगा। दोस्तो देहरादून पुलिस की सख्ती ने वो कर दिखाया, जो हजारों पीड़ितों को राहत देने वाला है। करोड़ों की धोखाधड़ी कर फरार चल रहा माइक्रो फाइनेंस कंपनी का मास्टरमाइंड — जगमोहन चौहान, आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। निजी फाइनेंस कंपनी के नाम पर बड़े मुनाफे का झांसा देकर हजारों लोगों से ठगी करने वाला यह आरोपी — अब सलाखों के पीछे है। एसएसपी देहरादून के निर्देशन में चली इस कार्रवाई ने एक बार फिर साफ कर दिया है —भरोसे के साथ खिलवाड़ करने वालों की अब खैर नहीं! कैसे रची गई करोड़ों की ठगी की स्कीम? कैसे जाल में फंसते चले गए आम लोग?और कैसे देहरादून पुलिस की रणनीति ने इस बड़े फाइनेंशियल फ्रॉड को किया एक्सपोज़?” लालच का जाल, करोड़ों की ठगी और देहरादून पुलिस की सख्ती से टूटा ठगों का खेल।
दोस्तो जहां कानून की पकड़ मजबूत होती है, वहां अपराध ज्यादा दिन टिक नहीं पाता — ये बात देहरादून पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दी है। दोस्तो देहरादून से एक बार फिर ऐसी बड़ी खबर सामने आई है, जिसने प्रदेश ही नहीं, पूरे देश को चौंका दिया। मुनाफे का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाला एक शातिर फाइनेंस ठग आखिरकार देहरादून पुलिस के शिकंजे में आ गया है। मुख्य आरोपी जगमोहन सिंह चौहान, जिसने हजारों भोले-भाले लोगों को अपनी Micro Finance India Association Company में इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर लूटा, उसे नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है, ये गिरफ्तारी सिर्फ एक आरोपी की नहीं, बल्कि उन सैकड़ों मासूम निवेशकों के इंसाफ की शुरुआत है, जिनकी गाढ़ी कमाई इस ठग की जालसाजी में फंस गई थी। अब दिखाने जा रहा हूं कैसे रचा गया ठगी का जाल। दरअसल दगड़ियो जगमोहन सिंह चौहान और उसकी पत्नी नीलम चौहान ने मिलकर एक निजी फाइनेंस कंपनी की नींव रखी नाम दिया गया — Micro Finance India Association। सुनने में विश्वसनीय लगने वाला नाम, लेकिन मकसद था — मुनाफे का सपना दिखाकर लोगों को फांसना, इस कंपनी के जरिए इन लोगों ने RD, FD, DDS जैसी स्कीमें लॉन्च कीं और प्रचार किया कि भारी ब्याज मिलेगा। सुरक्षित निवेश है, रिटर्न तय है। हर महीने बोनस भी मिलेगा ये सब सुनकर आम लोग — खासकर मध्यम वर्ग और पेंशनधारी — अपनी मेहनत की कमाई लेकर कंपनी के ऑफिस की ओर दौड़ पड़े। कोई 50 हजार लेकर आया, कोई 5 लाख देखते ही देखते करोड़ों का निवेश कंपनी में जमा हो गया और दोस्तो इसके बाद झूठ की नींव पर खड़ा हो गया फाइनेंस साम्राज्ज, गमोहन सिंह चौहान ने कंपनी का संचालन सरस्वती विहार, नेहरू कॉलोनी, देहरादून में किया।
यहीं से वो लोगों से मिलता, उन्हें योजनाएं समझाता और विश्वास दिलाता कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन अंदरखाने में सारा खेल सिर्फ लूट और धोखाधड़ी का था। पैसा लिया जाता, लेकिन निवेश कहीं नहीं किया जाता, लोगों की पूंजी से ही कुछ शुरुआती भुगतान किए जाते, जिससे भरोसा बना रहे — और धीरे-धीरे जाल में फंसे लोग आगे और ज्यादा निवेश करने लगें। दोस्तो जैसे ही शिकायतें आने लगीं कि कंपनी का ऑफिस बंद हो गया है, डायरेक्टर्स का कोई अता-पता नहीं है, लोगों को भुगतान मिलना बंद हो गया है — पुलिस तुरंत हरकत में आई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया और नेहरू कॉलोनी थाना को निर्देश दिया कि: कंपनी के सभी बैंक खातों को फौरन सीज किया जाए। पुलिस स्वयं वादी बनकर मामला दर्ज करे, किसी भी पीड़ित को थाने के चक्कर न काटने पड़ें। दोस्तो इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, मुखबिर तंत्र और फील्ड इंटेलिजेंस के ज़रिए आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए। दोसतो लगातार खोजबीन और तकनीकी निगरानी के बाद, 7 अक्टूबर 2025 को पुलिस ने आरोपी जगमोहन सिंह चौहान को थाना रोड, नेहरू कॉलोनी के पास से गिरफ्तार कर लिया।
उसकी पहचान: नाम: जगमोहन सिंह चौहान, पिता: स्व. श्रीचंद चौहान…स्थायी पता: सटेन गजा, थाना नरेंद्र नगर, टिहरी गढ़वाल, वर्तमान पता: ई-ब्लॉक, सरस्वती विहार, देहरादून। उम्र: 55 वर्ष.. दोस्तो गिरफ्तारी के बाद आरोपी से पूछताछ जारी है और कई नए खुलासों की उम्मीद है। पुलिस को शक है कि इस रैकेट में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है, अगर दोष सिद्ध होता है, तो आरोपी को लंबे समय तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है। इसके अलावा देहरादून पुलिस ने इस मौके पर एक सख्त चेतावनी भी जारी की है, कि कोई भी कंपनी अगर आपको असाधारण मुनाफा या ब्याज का लालच देती है, तो सतर्क हो जाइए.. बिना जांच-पड़ताल किए, अपनी मेहनत की कमाई ऐसे किसी भी संगठन में न लगाएं.. फर्जी कंपनियों के खिलाफ हमारी कार्रवाई जारी रहेगी। दरअसल, दोस्तो इस मामले ने एक बार फिर दिखा दिया कि कैसे आज भी बहुत से लोग लालच और भरोसे की सीमारेखा नहीं समझते, मुनाफा ज्यादा है — ये सुनते ही लोग सोचने-समझने की ताकत खो देते हैं। इस घटना ने पूरे देहरादून और आसपास के जिलों में हलचल मचा दी। कई पीड़ित परिवार अब सामने आने लगे हैं, जिन्होंने बताया कि वे अपनी जीवनभर की कमाई गवां चुके हैं। कई बुजुर्गों ने रिटायरमेंट का पैसा लगाया था, कुछ महिलाओं ने गहने गिरवी रखकर पैसा जमा किया था — अब उनके चेहरों पर सिर्फ मायूसी है, लेकिन एक उम्मीद की किरण जगी है — देहरादून पुलिस की सक्रियता और ईमानदार कार्रवाई ने जनता में भरोसा लौटाया है कि कानून अपना काम कर रहा है। दगड़ियो सख्त कानून, चौकस पुलिस और सतर्क नागरिक — यही है समाधान। इस पूरी घटना ने एक बार फिर हमें झकझोरा है — और बताया है कि आर्थिक अपराध भी उतने ही खतरनाक हैं जितने किसी जानलेवा वारदात, क्योंकि ये लोगों के सपनों, भविष्य और विश्वास की हत्या करते हैं। एसएसपी देहरादून की टीम ने जिस पेशेवर और योजनाबद्ध तरीके से इस मामले में काम किया है, वह निश्चित ही सराहनीय है। यह गिरफ्तारी किसी एक अपराधी की नहीं — बल्कि उन तमाम ‘सफेदपोश’ ठगों को चेतावनी है जो कानून को हल्के में लेते हैं। क्या जगमोहन की गिरफ्तारी एक शुरुआत है — और देहरादून पुलिस का संदेश साफ है: अब कोई नहीं बचेगा, हां लोगों को उनको जिन्होंने अपना पैसा गवाया, उनका पैसा कब और कैसे उनको मिलेगा।