देवभूमि में बड़ी घुसपैठ ?| Uttarakhand News | CM Dhami | Dehradun News

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जी हां दोस्तो क्या अपनी देवभूमि स्फोट स्टेट बन गया, लोगों के लिए जो घुसपैठ कर जमीनों पर कब्जा करने पर माहिर हैं। ये इसलिए क्योंकि संकेत मिल रहे हैं कि देवभूमि को मुफीद समझा गया। बीते कुछ दिनों से ऐसी तस्वीरें जो कार्रवाई की सामने आई। Major infiltration in Devbhoomi कैसे कुमाउं में उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में यूपी-बिहार से घुसपैठिए आए, ना सिर्फ सरकारी जमीन कब्जाई, बल्की अवैध मजारें मस्जिद बनाईं, और अब प्रशासन ने दे दिया है अल्टीमेटम। जी हां दोस्तो प्रदेश में कर्रवाई तमाम हो रही है, एक के बाद एक खुलासे भी हो रहे हैं। जमीन कब्जाने के मामले में जो अधिकारी मोटी रखम डकार कर चैन की नींद सोए हुए थे, उनकी नींद भी उड़ रखी है। कहीं चिंहिकरण किया जा रहा है तो कहीं अल्टीमेट देने के बाद बड़ी कार्रवाई हो रही है, लेकिन जो खबर उधम सिंह नगर जिले के हरिपुर से आई वो बताने के लिए काफी है कि कैसे जमीन कब्जाने का खेल हुआ। दोस्तो यहां के जलाशय क्षेत्र में सिंचाई विभाग की सरकारी भूमि पर यूपी बिहार से आए लोगों ने कब्जे किए और यहां तीन अवैध रूप से मजारें बना दीं और एक मस्जिद का ढांचा खड़ा किया और धीरे-धीरे अपने सगे संबंधियों को यहां बुलाकर बसाने लगे, सरकार की जमीन खुर्दबुर्द होने लगी, भू माफिया सक्रिय हुए उन्हें राजनीतिक संरक्षण मिलने लगा और क्षेत्र की डेमोग्राफी चेंज किए जाने के षडयंत्र रचे जाने लगे। तभी सरकरा को लगा कि कि ये हो क्या रहा है अपने प्रदेश में तभी प्रदेश के  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का लैंड जिहाद को लेकर एक बयान भी आता है।

दोस्त यहां सिर्फ बयान ही नहीं, एक्शन भी देखने को मिल रहा है। जब जानकारी सरकार तक पहुंची तो  जिलाधिकारी को सर्वे जांच करने के लिए निर्देशित हो गये। डीएम नितिन भदौरिया के निर्देश के क्रम मे अपर जिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्रा और ऋचा सिंह के निर्देशन में सर्वे किया गया जिसमें सरकारी भूमि कब्जाने और धार्मिक संरचनाओं के अवैध निर्माण को सही पाया। दोस्तो अब कुमाउं का क्षेत्र या यूं कह लीजिए की दो जिले जिसमें एक तरफ नैनीताल जिला जहां देश ने बनभूलपुरा अतिक्रम देखा। जहां इसी जिले के रामनगर के पुछड़ी में अवैध रुप से कब्जाई गई जमीन पर बड़ी कार्रवाई देखने को मिली और अब बात उधम सिंह नगर की। यहां भी बड़ी कार्रवाई होने वाली है। यहां डीएम के निर्देश के तहत प्रशासन की टीम ने सिंचाई विभाग द्वारा हरिपुरा जलाशय गूलरभोज में सरकारी भूमि पर अतिक्रमणकारियो को नोटिस देने की कार्रवाई की गई। कुल 60 नोटिस जारी किए गए, जिसमें से चार धार्मिक स्थल भी है। दोस्तो यहां प्रशासन का साफ कहना है कि 15 दिन की नोटिस के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई में पुलिस प्रशासन सिंचाई विभाग के अधिकारी एवं टीम मौजूद रहे।

उन्होंने बताया कि हरिपुरा जलाशय के इस स्थान पर प्रथम चरण में 1.13 हेक्टेयर से अतिक्रमण हटाया जा चुका है द्वितीय चरण में 2.45 हेक्टेयर से अतिक्रमण हटाया जाना है। साथ ही दोस्तो ये भी बताया गया कि ऐसा लगता है यहां बाहरी राज्यों से लोग आए और उनके द्वारा अवैध धार्मिक संरचनाएं बनाई गई और उनकी आड़ में आबादी को एक सुनियोजित तरीके बसाया गया है। इतन ही नहीं इस खेल को कुछ ऐसे भी समझिए। रुद्रपुर के खेड़ा बस्ती में जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने मुस्लिम संगठन द्वारा कब्जाई गई 8 एकड़ सरकारी भूमि पर अपना कब्जा लिया और चार दिवारी कर अपना बोर्ड लगा दिया। दोस्तो जिला प्रशासन ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे मुक्त कराने के अपने अभियान को तेज करते हुए रुद्रपुर के खेड़ा क्षेत्र में अवैध रूप से कब्जा की हुई सरकारी जमीन को खाली कराने के लिए नोटिस जारी किया था। भारी पुलिस फोर्स को लेकर एडीएम पंकज उपाध्याय के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने अवैध कब्जे की नाप जोख की ड्रोन सर्वे करवाने के बाद आज तड़के भारी पुलिस बल के साथ, कब्जाई सरकारी भूमि की दीवार ध्वस्त कर अपना कब्जा ले लिया। तब एडीएम ने बताया कि मदरसा सोसाइटी के नाम आवंटित 2.53 एकड़ भूमि के अतिरिक्त लगभग 8 एकड़ सरकारी भूमि/नजूल भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया गया था आवंटित भूमि की नाप करते हुए अतिरिक्त भूमि को कब्जा मुक्त करने के लिए 14.11.2025 को राजस्व, नगर निगम, डीडीए और पुलिस विभाग द्वारा सर्वेक्षण प्रारंभ किया गया था सर्वेक्षण के बाद सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त करा लिया गया है। तो फिलहाल गूलरभोज डैम क्षेत्र में सरकारी जमीन की फर्जी खरीद-फरोख्त का ये बड़ा मामला प्रशासन और पुलिस दोनों के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है। सिंचाई विभाग की जमीन को स्टाम्प पेपर पर बेचने के आरोप में असगर अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है, और उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। 65 मकानों और चार धार्मिक स्थलों पर लगे ध्वस्तीकरण नोटिस इस बात का संकेत हैं कि प्रशासन अब किसी भी तरह की अवैध कब्जेदारी को बाखशने के मूड में नहीं है। स्थानीय लोगों से मिले स्टाम्प पेपर ने पूरे खेल का पर्दाफाश कर दिया, और इसी के आधार पर शिकायत दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई है। अब देखना यह होगा कि पुलिस कितनी जल्दी आरोपी को पकड़ पाती है और यह कार्रवाई आगे किस दिशा में जाती है।