मनसा देवी मंदिर पैदल मार्ग पर रविवार की सुबह नौ बजे भगदड़ मच गई। हादसे में एक 10 साल के बालक सहित आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 28 लोग घायल हो गए। भीड़ के बीच कुछ दूरी पर फंसे एक चश्मदीद ने भी भीड़ का दबाव बढ़ने पर रास्ते में दीवारों पर लगी बिजली तारें पकड़ने पर करंट लगने का दावा किया है। Haridwar Mansa Devi Stampede मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर हुए हादसे ने एक बार फिर मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभी तक प्राथमिक जांच में पुलिस को ये जानकारी मिली है कि करंट लगने की अफवाह से भगदड़ मची, लेकिन हजारों की भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम ना के बराबर होना और मंदिर समिति प्रबंधन सभी की चूक भी हादसे की वजह मानी जा रही है। साथ ही संकरा रास्ता, मंदिर की सीढ़ियों में सजी दुकानें और मंदिरों के आसपास अतिक्रमण भी हादसे की वजह मानी जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों ने मीडिया और पुलिस प्रशासन को जो बताया उसके अनुसार मंदिर से कुछ ही दूरी पर अचानक करंट फैलने की अफवाह सुनाई दी। इसके बाद लोगों ने ऊपर सीढ़ियों से नीचे की ओर धक्का देना शुरू कर दिया। पीछे से भीड़ का धक्का आया और अचानक भगदड़ मच गई और कई लोग नीचे दब गए। इसके बाद वहां अफरा तफरी मच गई।
पुलिस और प्रशासन का कहना है कि अभी तक श्रद्धालुओं ने इस बात की जानकारी दी है कि मंदिर के पास करंट की अफवाह से ही भगदड़ मची। जिससे अफरा तफरी मच गई और भयावह हादसा हो गया। रविवार की छुट्टी होने के कारण भी काफी भीड़ हो गई। मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग में कई सीढ़ियां हैं। जहां भीड़ जुटने की वजह से कुछ लोग दीवारों और किनारों पर चढ़ गए। इस बीच कुछ लोगों ने तारों का सहारा भी ले लिया। किसी ने बिजली के खंभों पर चिंगारी आते देखी तो करंट दौड़ने की अफवाह फैल गई। जिसको जहां जगह मिली पीछे धक्का मारने लगे। जिसके बाद कुछ लोग भीड़ में इधर उधर गिरने लगे और भगदड़ मच गई। रविवार का दिन और सावन का महीना, हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुट गए। लेकिन मंदिर समिति और पुलिस प्रशासन को शायद इसका अंदाजा नहीं था, कि इतनी भीड़ इकट्ठा होगी। सामान्य दिनों की तरह की पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे। लेकिन भीड़ को देखकर शायद ही किसी को इस बात का अंदाजा रहा होगा कि सुरक्षा व्यवस्था कम पड़ेगी। लेकिन अफवाह के बाद भगदड़ मची और हादसे ने आठ लोगों की जान ले ली। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।