हरिद्वार: सोमवती अमावस्या पर्व पर गंगा घाटों पर उमड़ा आस्था का जन सैलाब, 17 लाख से ज्यादा श्रद्धालु लगा चुके डुबकी

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Somvati Amavasya 2022: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान व दान करने की परंपरा है। लाखो श्रद्धालुओं ने सोमवार को सोमवती अमावस्या पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर सुख-समृद्धि की कामना की। ढाई साल बाद हरिद्वार में किसी स्नान पर्व पर इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालु देखने को मिल रहे हैं। यहां की धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस देर रात तक फुल हो गए। गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगातार जारी है। तीर्थ नगरी के हर की पौड़ी ,लहरा गंगा घाट, कछला गंगा घाट, शाहबाजपुर और कादरगंज गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ का आलम बना हुआ है।

सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व का विशेष महत्व माना जाता है ।मान्यता है कि इस अवसर पर माँ गंगा में स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते है मनोकामनाए पूरी होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है और इस अवसर पर पितरों के निमित पूजा करने से जीवन मे सुख और शांति आती है। आज वट सावित्री का व्रत भी है और महिलाएं वट वृक्ष की पूजा भी कर रही है, श्रद्धालुयों का सैलाब उमड़ने की उम्मीद के चलते पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए है और मेला क्षेत्र को 5 सुपर जोन , 16 जोन और 39 सेक्टर में बांट कर अधिकारियो और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। एक ओर श्रद्धालुओं ने रात भर कीर्तन किया तो वहीं दूसरी ओर कुछ श्रद्धालु ब्रह्ममूर्त के इंतजार में घाट पर ही सोते दिखे।

एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह का कहना है कि सोमवती अमावस्या पर रात 12 बजे के बाद से ही स्थान शुरू हो गया था, ब्रह्ममुहूर्त में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया है , चूंकि चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में पहुंचे हैं तो उम्मीद थी कि सोमवती अमावस्या पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे उसी को देखते हुए सुरक्षा बल तैनात किया गया है और उसी के हिसाब से फोर्स भी मिला है। सोमवती अमावस्या की पूर्व संध्या से ही राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, गुजरात आदि राज्यों के श्रद्धालु निजी वाहनों, बसों व ट्रेनों आदि के माध्यम से गंगा घाटों पर पहुंचना शुरू हो गए।