मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माण और प्लॉटिंग के खिलाफ अभियान लगातार जारी है। प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत देहरादून, ऋषिकेश, विकासनगर, शिमला बाईपास सहित कई इलाकों में बीते दिनों महत्वपूर्ण कार्रवाइयाँ की गईं, जिनमें बड़े पैमाने पर ध्वस्तीकरण और सीलिंग शामिल रहे। Dehradun Illegal Construction एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने स्पष्ट संदेश दिया कि राजधानी देहरादून के सुनियोजित विकास और मास्टर प्लान के पालन में किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जाएगी। प्राधिकरण ने छरबा इंटर कॉलेज रोड स्थित मधुकर जोशी द्वारा लगभग 50 से 60 बीघा भूमि में की जा रही अवैध प्लॉटिंग पर बड़ी ध्वस्तीकरण कार्रवाई अमल में लाई। मौके पर अवैध रूप से काटी गई सड़कों और गैर-कानूनी रूप से विकसित हो रहे प्लॉटों को ध्वस्त कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान अवर अभियंता सिद्धार्थ सेमवाल, अमन पाल, सुपरवाइजर टीम तथा पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहा। प्राधिकरण टीम ने स्पष्ट कर दिया कि बिना स्वीकृत नक्शे, बिना लेआउट अनुमोदन और नियमों के विपरीत होने वाली किसी भी प्रकार की प्लॉटिंग या निर्माण को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एमडीडीए ने शिमला बाईपास रोड स्थित बालाजी एन्क्लेव में दो अलग-अलग अवैध निर्माणों को सील किया। शौकीन द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण पर प्राधिकरण की टीम ने सीलिंग की कार्रवाई पूरी की। वहीं जुल्फी एवं अन्य द्वारा किए गए अवैध निर्माणों पर भी कार्रवाई करते हुए भवनों को सील किया गया। यह कार्रवाई संयुक्त सचिव गौरव चटवाल के निर्देशों पर सहायक अभियंता विजय रावत, अवर अभियंता जितेंद्र सिंह एवं सुपरवाइजरों की टीम द्वारा संपन्न की गई। एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि प्राधिकरण शहर के नियोजित विकास के लिए पूर्ण कड़ाई से कार्य कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अवैध कॉलोनाइज़र, अनधिकृत निर्माणकर्ता और बिना अनुमति भूमि काटने वालों पर निरंतर और सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने अपील की कि जनता किसी भी प्रकार की प्लॉटिंग या निर्माण शुरू करने से पूर्व प्राधिकरण से आवश्यक अनुमति अवश्य प्राप्त करे, जिससे उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की जटिलता का सामना न करना पड़े। तिवारी ने कहा कि भूखंड या प्लॉट खरीदने से पहले नागरिक प्राधिकरण की वेबसाइट या कार्यालय से उसकी वैधता अवश्य जांच लें। साथ ही यदि कहीं भी अवैध प्लॉटिंग या बिना स्वीकृति निर्माण दिखाई दे तो इसकी सूचना तुरंत एमडीडीए को दें।