Uniform Civil Code: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेष समिति करीब साढ़े तीन घंटे तक देश के नागरिक कानूनों व विधि आयोग की रिपोर्टों पर गहन चर्चा हुई। माना जा रहा है कि समिति की अभी कुछ और शुरुआती बैठकें विचार-विमर्श और मंथन में गुजरेंगी। उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रसाद देसाई की अध्यक्षता में समिति यह बैठक नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में हुई। जल्द ही तीसरी बैठक भी की जाएगी।
समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की दूसरी बैठक में आमजन को समान नागरिक संहिता के संबंध में जागरूक करने पर जोर दिया गया। बैठक में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समान नागरिक अधिकारों को लेकर बने कानूनों पर रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। सदस्यों ने इसकी समीक्षा करने के साथ ही इस पर अपने सुझाव रखे। निर्णय लिया गया कि महिला अधिकारों के कानूनों का भी गंभीरता पूर्वक अध्ययन कर संहिता का प्रारूप तैयार किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार तकरीबन साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में निर्णय लिया गया कि जल्द ही राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों के साथ समान नागरिक संहिता के प्रारूप के संबंध में चर्चा की जाएगी। बैठक में समिति को विभिन्न माध्यमों से मिले सुझावों पर भी चर्चा की गई। बैठक में प्रचलित कानूनों में संशोधन, राज्य में विवाह, तलाक के प्रचलित कानूनों, संपत्ति के अधिकार एवं उत्तराधिकार के प्रचलित कानून पर विस्तृत चर्चा हुई। तय किया गया कि सभी सदस्य इनका गहन अध्ययन कर अगली बैठक में इन पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
बता दें कि 4 जुलाई को समिति की पहली बैठक दिल्ली में हुई थी. समिति को छह महीने के भीतर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। समान नागरिक संहिता लागू करने वाले उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा। सरकार को गठन होते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीती 27 मई को सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्य समिति का गठन किया था। इस समिति को सात बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट तैयार करनी है।