देहरादून: विवादों में रहने वाली उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य अब एक बार फिर विवादों में आ घिरी हैं। महिला और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य तो गाहे बगाहे सत्ता की ऐसी हनक दिखाती ही रहती हैं, कभी तबादलों में मन की न चले तो अपने विभागीय सचिव पर ही बंदूक तान लेना और अब अपने निजी कार्यक्रम में विभागीय अधिकारियों को शामिल होने को लेकर सरकारी कागज पर फरमान जारी कराना। फिर चाहे विपक्ष को बैठे बिठाए मुद्दा मिल जाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सादगी से जनसेवा का संदेश पर ही पलीता लगता दिखे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मानसून में बारिश और आपदा की आफत की आशंका में सचिव से लेकर मुख्य सचिव और जिलों में छोटे से बड़े हर अधिकारी को बारिश के सीजन में छुट्टी पर न जाने की सख्त हिदायत दे रखी है। लेकिन कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य को राज्य से बाहर यूपी के बरेली में अपने घर पर निजी आयोजन में विभागीय अफसरों की उपस्थिति चाहिए तो चाहिए। मंत्री रेखा आर्य ने अपने निजी धार्मिक आयोजन में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मलित होने के लिए वरिष्ठ विभागीय अधिकारी से सरकारी पत्र जारी करा डाला है।
वहीं दूसरा पत्र बाल विकास विभाग है जिसमें सभी अधिकारियों-कर्मचारियों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से जलाभिषेक करने के निर्देश दिए गए हैं। ये फोटो सोशल मीडिया में शेयर करने के भी निर्देश हैं। इस मामले पर खाद्य मंत्री रेखा आर्य विवादित बयान देते हुए कहती हैं कि मैंने किसी की कनपटी पर बंदूक रखकर निमंत्रण नहीं दिया है, जिसको आना है वह अपनी मर्जी से आ सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे पता करेंगी कि यह पत्र किस स्तर पर लिखा गया है।
इस पत्र को लेकर कांग्रेस ने इस मामले में सरकारी सिस्टम के दुरुपयोग का आरोप लगा दिया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने इसपर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर संज्ञान लेने की मांग की है। यह स्थिति तब है जब राज्य में मानसून के चलते छुट्टियां रद्द की गई हैं और दूसरी तरफ खाद्य मंत्री के निजी कार्यक्रम के लिए उत्तराखंड से बाहर विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को निमंत्रण दिया जा रहा है। मामले में करण माहरा कहते हैं कि, मंत्री रेखा जिस तरह की भाषा का उपयोग कर रही हैं वह किसी आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति द्वारा ही कही जा सकती है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के घर में कोई कार्यक्रम हो या सार्वजनिक कार्यक्रम हो उसका आप निमंत्रण दे सकते हैं। सरकारी उच्च अधिकारी के माध्यम से मातहतों को आदेश जारी नहीं कर सकते। यह पत्र सरकारी पत्र है। एक निजी कार्यक्रम के लिए सरकारी आदेश करने का क्या कारण हैं। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम भी उत्तर प्रदेश में हैं। जब सीएम खुद कह रहे हैं कि अधिकारी व कर्मचारी अपना स्थान नहीं छोड़ेंगे तो कर्मचारियों को बरेली आने के लिए कैसे कहा जा रहा है। यह तो सीएम के आदेश की अवहेलना है। इससे नई परिपाटी शुरू होगी, इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश में बरसात और कावंड यात्रा चल रही है। कोई मंत्री इस तरह के आदेश करवाएगा तो यह निंदनीय है।