देहरादून: किसान क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर उत्तराखंड में राज्य सरकार के प्रयास रंग दिखाने लगे हैं। प्रदेश के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की कोशिशों का असर ये हुआ है कि आज केंद्र द्वारा कुल वितरित किये गये किसान क्रेडिट कार्ड (के.सी.सी.) की संख्या के आधार पर कुल आवंटित लक्ष्यों के सापेक्ष 77 प्रतिशत लक्ष्यों की प्राप्ति कर देश में उत्तराखंड को प्रथम स्थान हासिल हुआ है। वर्तमान में राज्य के 79,508 लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना से लाभान्वित किया जा चुका है।
दरअसल, भारत सरकार द्वारा संचालित किसान क्रेडिट कार्ड योजना पशुपालन और मत्स्य पालन गतिविधियों के लिए पात्र लाभार्थियों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करती है। पूर्व में किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग कृषि कार्यों से सम्बन्धित गतिविधियों हेतु किया जाता था। परन्तु वर्तमान में किसान क्रेडिट कार्ड योजना द्वारा पशुपालन एवं मत्स्य पालन से सम्बन्धित गतिविधियों के लिए लाभार्थियों को अल्पकालिक ऋण प्रदान किया जाता है।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लिए 1.60 लाख रु तक किसी भी परिसम्पति को बंधक रखने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा निर्धारित अवधि में ऋण भुगतान करने पर किसानों से मात्र 04 प्रतिशत ब्याज ही लिया जाता है। लिहाजा किसी साहूकार या निजी हाथों से ऊंची ब्याज दर पर कर्ज लेने की ब्याज केसीसी योजना से पशुपालक और मछली पालक लाभ उठा सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पशुपालकों को एक ए.टी.एम. कम क्रेडिट कार्ड प्राप्त होता है जिसका उपयोग पशुपालकों द्वारा नकदी निकालने के लिये किया जाता है। क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पशुपालक पशुपालन से सम्बंधित तात्कालिक आवश्यकताओं से सम्बन्धित जैसे पशुओं हेतु चारा-दाना की व्यवस्था, दवा, उपचार एवं अन्य व्यवस्था आसानी से कर सकता है. और उसे इन कार्यों के लिए धन की व्यवस्था करने में परेशानी नहीं उठानी पड़ती है। साथ ही ऊंची ब्याज दरों पर किसी साहूकार या व्यक्ति से धन लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।