जी हां दोस्तो पूरे उत्तराखंड में अवैध कब्जों पर कार्रवाई तमाम हो रही हैं, कहीं बुलडोजर से तोड़ी गई मजारें तो कहीं लोगों ने खुद ही खाली कर दिए घर, लेकिन इधर कब्जा विवाद ने पकड़ा ऐसा तूल की आधी रात को पुलिस को दिया गया। Possession dispute in Jaspur विधायक- पुलिस के बीच खूब हुई कहा सुनी, दोस्तो ये खबर उत्तराखंड के जसपुर से आई। ऐसा लगा कि जैसे कब्जा विवाद अब सीधे सड़कों पर उतर आया है। आधी रात विधायक आदेश चौहान ने सैकड़ों समर्थकों के साथ भूतपुरी हाइवे पर पुलिस को घेर लिया। आरोप गंभीर हैं—कोतवाल पर भड़के विधायक, कहा पुलिस कब्जा हटाने के बजाय मुझसे फुटेज मांग रही है। जनता और प्रशासन के बीच टकराव ने माहौल को और गर्म कर दिया। दोस्तो जसपुर विधानसभा क्षेत्र में नगर पालिका की जमीन पर हो रहे कब्जे को लेकर देर शाम जसपुर विधायक आदेश चौहान अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भूतपुरी हाइवे पर धरने पर बैठ गए। विधायक समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। साथ ही विधायक ने पुलिस प्रसाशन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सूचना पर पुलिस क्षेत्राधिकारी काशीपुर मोके पर पहुँचे। उनके आश्वासन के बाद धरने को खत्म किया गया। लगभग 2 घंटे तक धरना जारी रहा। यहां दोस्तो मै आपको बता दूं कि जसपुर भूतपुरी रोड पर स्थित एक जमीन को लेकर विवाद शुरू हो गया।
नगर पालिका का कहना है कि जिस जमीन पर कब्जा हो रहा है वो सरकारी जमीन है। जिस पर जबरन कब्जा कर बुनियाद खोदी जा रही थी। जिसको नगरपालिका द्वारा रुकवा दिया था। लेकिन फिर जमीन पर काम शुरू हो गया। जिसकी सूचना विधायक को मिली ओर विधायक द्वार सभासद को फोन किया गया। नगरपालिका सभासदों का आरोप है जब वो मौके पर आए तो दूसरे पक्ष द्वारा फायरिंग की गई। जिसके बाद विधायक आदेश चौहान मौके पर पहुँचे। विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगरपालिका की जमीन है, जमीन का राज्य परिषद से निर्णय हो चुका है। हाईकोर्ट से भी निर्णय हो चुका है, जमीन चिन्हित हो गई और एक व्यक्ति ने रजिस्ट्री करा ली। जिसका कहना है कि मेरी जमीन है। जब इस बात का पता चला कि कब्जा किया जा रहा है तो उन्होंने एसडीएम, पुलिस और नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी को इसकी जानकारी दी। दोस्तो विधायक ने कहा जमीन की नपत की जाए और जहां उचित हो वहां कब्जा किया जाए लेकिन सरकारी सम्पत्ति पर कब्जा नही होने देंगे। कब्जे को दोपहर हटा दिया गया और शाम को फिर वो व्यक्ति आते हैं और फिर से कब्जा करने का प्रयास किया जाता है। जिसके लिए नगरपालिका अध्यक्ष, पुलिस और सभासदों को फोन किया गया। वहीं सभासद का बड़ा आरोप ये है कि जब वो यहां पर आए तो फायरिंग की गई। ऐसा लगता है कि ईओ और कोतवाल की मिलीभगत से काम करना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं होगा। जो जिसकी जमीन है, उसको मिले, वो लोग सबको धमका रहे हैं फायर कर रहे हैं। उस पर कार्रवाई नहीं हो रही लेकिन वो लोग गलतफहमी के शिकार हैं। कोई भी लोग हों लेकिन नगरपालिका की जमीन पर कब्जा नही करने दिया जाएगा। वहीं विधायक ने कहा धरने पर बैठने का मुख्य कारण ये है कि कोतवाल कह रहे हैं कि फायरिंग की वीडियो दो। उनको लगता है कि ये मिलीभगत है। फायरिंग की बात आई तो उसमे जांच करें। विधायक से कहा जा रहा है कि वीडियो दो। इसका साफ मतलब है कि कोतवाल ओर ईओ मिलकर कब्जा कराना चाहते हैं, लेकिन दोस्तो मौजूदा वक्तमें जसपुर का ये कब्जा विवाद और सब विवादों पर भारी पड़ रहा है, आगे क्या होगा वो भी आपको बताऊंगा।