धराली व हर्षिल में आई भयानक आपदा के बाद बचाव व राहत कार्यों में खराब मौसम फिर से बाधा बना। गंगनानी से करीब 3 किलोमीटर आगे पुल पूरी तरह वॉश आउट हो गया था। Uttarakhand Cloudburst Live Updates इसे कड़ी मशक्कत के बाद बीआरओ ने 10 अगस्त को वैली ब्रिज बनाकर कनेक्टिविटी बना ली। लेकिन आगे सोनगाड़ और डबरानी से रोड कनेक्टिविटी अभी मुश्किल है। इसके साथ ही हर्षिल में पूरा गंगोत्री हाईवे करीब 5 किलोमीटर तक भागीरथी की झील में डूब चुका है। मोबाइल कनेक्टिविटी के बाद यूपीसीएल ने सबसे बड़ी जरूरत बिजली व्यवस्था रविवार 10 अगस्त को सुचारू कर दी है। यूपीसीएल के कार्मिकों ने अपनी जान की परवाह किए बिना उफनती नदी को पार कर धराली में विद्युत आपूर्ति को बहाल किया। यूपीसीएल के 10 सदस्यीय टीम को भी हेलिकॉप्टर के माध्यम से विद्युत सामग्री के साथ हर्षिल घाटी तक पहुंचाया गया। दूसरे चरण में यूपीसीएल के इंजीनियरों और लाइनमैन ने हाईअलर्ट मोड में मौके पर दिन-रात काम करते हुए क्षतिग्रस्त पोल और तारों को बदला। नई सर्विस लाइनों को जोड़ा। डीजी सेट के माध्यम से अस्थायी आपूर्ति शुरू की।
चिनूक व हेलिकॉप्टरों की मदद से करीब दो टन उपकरण, तार के साथ 40 अधिकारियों, कर्मचारियों की टीम मौके पर पहुंचाई गई। यह कार्य दो चरणों में संपन्न हुआ। पहले चरण में 125 केवीए क्षमता के डीजल जनरेटर सेट को देहरादून एयरपोर्ट से चिन्यालीसौड़ होते हुए हर्षिल तक एयरलिफ्ट किया गया। इसके साथ ही कंडक्टर, पोल, सर्विस लाइन, इंसुलेटर और अन्य आवश्यक उपकरण भी हवाई मार्ग से भेजे गए। इस प्रक्रिया में हेलिकॉप्टर से भारी सामग्री की ढुलाई की गई, जिसके लिए सेना और प्रशासन के साथ तालमेल रखा गया। दरअसल धराली में 40 से 50 फीट तक मलबा जमा है। इस मलबे को निकालना और कहां डंप किया जाएगा, ये बड़ी समस्या होगी। मलबे में दबेलगों की सर्चिंग के लिए स्निफर डॉग लगाए गए हैं तो रडार के साथ ही अत्याधुनिक तकनीक की मदद ली जा रही है। हैदराबाद से जीपीआर रडार धराली लाया गया है। भागीरथी नदी के बायें किनारे पर पहाड़ी पर मां गंगा का शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा गांव बसा हुआ है और दायें किनारे पर धराली। दोनों गांवों को भागीरथी नदी पर बना एक झूला पुल जोड़ता है। खीर गंगा नदी में आई विनाशकारी बाढ़ में धराली के बाजार समेत कई दुकानों, होटलों का नामोनिशान मिट चुका है। हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से 80 के दशक में बना झूला पुल अब भी सुरक्षित हैं।