जोशीमठ में धराशायी हो सकते हैं मोबाइल टावर, बिजली के पोल! CS ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के दिए निर्देश

Spread the love

Joshimath Sinking: जोशीमठ में भू-धंसाव के बीच यहां के लोगों के ऊपर एक और संकट आ सकता है। भू-धंसाव और घरों के दरकने के बीच पूरे शहर और इससे लगे गांवों में कभी भी अंधेरा छा सकता है। दरअसल जोशीमठ में हुए भू-धंसाव की वजह से यहां बिजली आपूर्ति का संकट गहरा गया है। जमीन दरकने के कारण उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन निगम के खंभे और बिजली की लाइन किसी भी वक्त धराशायी हो सकती हैं। भू-धंसाव से जोशीमठ में बिजली के कई खंंभे तिरछे हो गए हैं, जिसकी वजह से बिजली की लाइन कई स्थानों पर प्रभावित हो गई हैं।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भू-धंसाव के कारण मोबाइल नेटवर्क बिजली पूर्ति भी प्रभावित हो सकती है। मोबाइल टावर अन्यत्र सुरक्षित स्थान में शिफ्ट कर अथवा नए टावर लगाकर संचार व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को साथ लेकर एक आकलन समिति बनाई जाए। प्रतिदिन पूरे क्षेत्र में टीम भेज कर निरीक्षण करवाया जाए कि पिछले 24 घंटे में क्षेत्र में किस प्रकार का और कितना परिवर्तन हुआ हुआ है। जो भवन अधिक प्रभावित हैं उन्हें प्राथमिकता पर ध्वस्त किया जाए।

पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड की टीम ने जोशीमठ और इसके आस पास के इलाकों में निरीक्षण किया। जोशीमठ में मौजूद पिटकुल का 66 केवी का सबस्टेशन भी भू-धंसाव के खतरे की जद में है। आसपास की जमीन धंस रही है। पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आसपास की जमीन धंस रही है। निरीक्षण के बाद एमडी ने सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम और एडीएम अभिषेक त्रिपाठी से सब स्टेशन को शिफ्ट करने को लेकर चर्चा की है। बिजली के सबस्टेशन को शिफ्ट करने को लेकर निगम जमीन की तलाश कर रहा है।