इस साल बरसात ने उत्तराखंड को गहरे जख्म दिए हैं। प्रदेश में मानसून सीजन में अब तक 82 लोगों की मौत हो चुकी है। 28 लोग अभी भी लापता हैं। Uttarakhand Monsoon Season 2024 करीब 255 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। ऊधम सिंह नगर में 10 और नैनीताल, चमोली और चंपावत जिले में आठ-आठ लोगों की जान गई। देहरादून में सात, टिहरी में छह और पिथौरागढ़ जिले में चार की मौत हुई। अल्मोड़ा, पौड़ी और हरिद्वार में तीन-तीन लोगों की मौत हुई। उत्तरकाशी में दो लोगों की मौत हुई थी। आपदा में 37 घायल भी हुए। सामान्य तौर से उत्तराखंड में प्रशासनिक तैयारी के मध्य नजर 15 जून से लेकर 15 सितंबर तक मानसून सीजन माना जाता है।
इस दौरान पूरा एडमिनिस्ट्रेशन मानसून सीजन की चुनौतियों से लड़ने के लिए अलग मोड में काम करता है। जिसमें खासतौर से प्रदेश का आपदा प्रबंधन तंत्र डेडीकेटेड होकर काम करता है। इस दौरान सभी लाइन डिपार्मेंट में स्पेशली आपदा के लिए हाथ से एक-एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाता है। इस बार के मानसून सीजन की बात करें तो उत्तराखंड में मानसून थोड़ा देरी से आया। 15 जून की जगह 25 जून से लेकर 1 जुलाई तक उत्तराखंड में मानसून की दस्तक देखने को मिली। उसी तरह से जाते-जाते मानसून ने 25 सितंबर से लेकर के 30 सितंबर तक विदाई ली। 39 ब्रिज को आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा। पूरी तरह से क्षतिग्रस्त 16 ब्रिज में से 5 ब्रिज को दोबारा से बना दिया गया है। शेष पुलों की टेंपरेरी व्यवस्था कर दी गई है।