बारिश जहां एक ओर तबाही लेकर आई है, वहीं देहरादून के लिए एक अनोखी राहत भी बनकर बरसी है। इस बार शहर की हवा इतनी साफ हो गई कि रिकॉर्ड टूट गए। बीते एक सप्ताह में देहरादून की हवा ने स्वच्छता के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। Air quality in Dehradun 1 अगस्त को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) केवल 17 रहा, जो कि साल 2025 का अब तक का सबसे बेहतर स्तर है। दोस्तो एक तरफ बारिश हो रही है, आफत की बारिश, जिससे जन जीवन अस्थ् व्यवस्थ है। बारिश नहीं बवाल है। लोग परेशान हैं, लेकिन एक खबर जो इस आफत के बीच में राहत देती है। वैसे दोस्तो जैसे-जैसे इंसान विकास की रफ्तार पकड़ रहा है, वैसे-वैसे प्रकृति से उसका संतुलन डगमगाने लगा है। ऊंची इमारतें, तेज रफ्तार वाहन, चौड़ी सड़के। इन सबके पीछे छिपा है एक कड़वा सच, वायु प्रदूषण. लेकिन इस बार देहरादून की किस्मत में कुछ और ही लिखा था। यहां मानसूनी बारिश न केवल राहत बनी, बल्कि पूरे शहर की हवा को ऐसा धो डाला कि सांसें अब ताजगी से भर गई हैं। ऐसा लगता है। दोस्तो प्रदेश की राजधानी का AQI इतना गिरा कि डॉक्टर्स भी बोले रहे हैं – वाह! दोस्तो ये सब कैसे हुआ किताना एक्यूआई था, अब कितना हुआ सब विस्तार से बताऊंगा।
दोस्तो बीते एक सप्ताह में देहरादून की हवा ने स्वच्छता के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ये बात 1 अगस्त की है। इस दिन शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) केवल 17 रहा, जो कि साल 2025 का अब तक का सबसे बेहतर स्तर माना गया। 3 अगस्त को भी यह आंकड़ा 27 पर बना रहा। दोस्तो बीते 4 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है जब हवा की गुणवत्ता इतनी लंबी अवधि तक गुड(अच्छी) श्रेणी में बनी रही हो अब सवाल क्या रही वजह? देहरादून विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग द्वारा किए गए रियल टाइम एनालिसिस में पता चला है कि जून के मध्य से लेकर अब तक AQI कभी भी 50 के पार नहीं गया। इस सुधार के पीछे कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं जैसे- लगातार बारिश के कारण वातावरण में मौजूद धूलकणों (Dehradun air quality) की धुलाई हो गई। हवा में नमी बनी रहने के कारण भारी धूल ज़मीन में बैठ गई। इसके अलावा, प्रदूषण बोर्ड द्वारा विशेष निगरानियां की जा रही है। हर महीनें तकरीबन 700 से अधिक वाहनों का प्रदूषण जांच न होने के चलते चालान किए जा रहे हैं। दोस्तो यहां गौर करने वाली बात ये है कि वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण दमा, टीबी और सांस संबंधी बीमारियों से जुड़े मरीज़ों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन बीते दिनों से हवा की गुणवत्ता में सुधार इन मरीज़ों के लिए राहत भरी ख़बर भी है।
बारिश ने फिलहाल राहत दी है, लेकिन लंबी अवधि के लिए हवा को स्वच्छ बनाए रखने की सबसे बड़ी चुनौती हैं बढ़ते वाहन। पिछले 5 सालों में शहर में करीब 2.5 लाख नए वाहन पंजीकृत हुए हैं और हर साल औसतन 60,000 नए वाहन सड़क पर आ रहे हैं। वहीं दोस्तो आपको बता दूं कि 2025 में बना सबसे लंबा गुड एयर रिकॉर्ड जी हां विभाग के अनुसार, 2022 से अब तक इतनी लंबी अवधि तक ‘गुड’ श्रेणी का AQI कभी दर्ज नहीं हुआ। इस बार करीब 45 दिन लगातार हवा अच्छी रही है, जबकि पिछले वर्षों में यह अवधि 15 दिन से आगे नहीं बढ़ी थी। इस बार मानसून सिर्फ खेतों के लिए नहीं, बल्कि सांसों के लिए भी वरदान साबित हुआ है। देहरादून में बारिश ने न सिर्फ गर्मी को हराया, बल्कि वायु प्रदूषण को भी करारा जवाब दिया है। लेकिन अगर हम चाहते हैं कि यह साफ हवा आगे भी बनी रहे, तो केवल बारिश के भरोसे नहीं, जिम्मेदार नागरिक बनने की भी ज़रूरत है। “बारिश आई, बाढ़ लाई लेकिन देहरादून के लिए हवा में सुकून भी लाई। ये मौका है सोचने का – क्या हम सिर्फ बारिश पर ही निर्भर रहेंगे? या फिर ज़िम्मेदार नागरिक बनकर साफ हवा को बनाए रखने का प्रयास करेंगे? अब फैसला आपके हाथ में है।