उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसेंण के भराड़ीसेंण में आज से मानूसन सत्र शुरू होने जा रहा है। मानसून सत्र को लेकर विधानसभा सचिवालय की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। गैरसेंण में पहली बार पेपरलेस सत्र का आयोजन होगा। Uttarakhand Monsoon Session चार दिवसीय विधानसभा सत्र के लिए सरकार और विपक्ष ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) पहुंच गए हैं। सत्र के दौरान आपदा और पंचायत चुनाव में कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर सदन गरमाने के आसार हैं। सरकार वित्तीय आवश्यकताओं के लिए अनुपूरक बजट पेश करेगी। इसके साथ ही सरकार उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम में संशोधन समेत नौ विधेयक पारित कराने के लिए लाएगी। विधानसभा सत्र के दौरान यहां धारा 163 को लागू कर दिया गया है। विधानसभा सत्र को सुव्यवस्थित, सफल व शांतिपूर्ण बनाने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा परिसर तथा आसपास के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की धरना-प्रदर्शन, जुलूस, नारेबाजी, बगैर अनुमति सभा, सुरक्षा बैरियर तोड़ने, लाउडस्पीकर या ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग, हथियार लाने, उत्तेजक भाषण, पोस्टर-बैनर या सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह व भड़काऊ संदेश फैलाने जैसी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान सभी कर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने के निर्देश दिए। सत्र में इस बार 41 से अधिक अफसर और 804 से अधिक पुलिस कर्मी लगाए गए हैं। भराड़ीसैंण में मॉनसू सत्र के दौरान मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत आंदोलनकारी संगठन भी विभिन्न मांगों को लेकर सड़कों पर दिखाई देंगे। एक तरफ जनप्रतिनिधियों और महिला मंगल दलों के साथ नगर पंचायत गैरसैंण के अध्यक्ष मोहन भंडारी ने 20 अगस्त को गैरसैंण से विधानसभा भराड़ीसैण तक पैदल मार्च और विशाल रैली का आयोजन कर गैरसैंण क्षेत्र की शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़कों की बदहाली को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है, जो प्रशासन के लिए बड़ा सरदर्द खड़ा करने वाला है।