हरिद्वार: अफ्रीकन फ्लू के बाद उत्तराखंड में लंपी वायरस ने दस्तक दे दी है। लंपी वायरस की वजह से उत्तराखंड में सैकड़ों भैसों की मौत हो चुकी है। वहीं हरिद्वार जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों में भी गाय-भैसों के अंदर लंपी वायरस मिला है, जिससे लोग काफी डरे हुए हैं। उत्तराखंड में पशुओं में लंपी वायरस की रोकथाम के लिए सरकार सक्रिय हो गई है। हरिद्वार जिले में एक हजार से ज्यादा पशु इस वायरस की चपेट में आए हैं, जिनमे से 35 की मौत हो चुकी है।
हरिद्वार में जिस तरह से लंपी वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, उसने पशुपालन विभाग की भी चिंता बढ़ा दी है। इस सबको देखते हुए पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सचिवालय से सभी जिलों के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्थिति की समीक्षा की। मंत्री ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए 30,000 वैक्सीन मंगाने के निर्देश दिए। साथ ही अन्य कदम भी उठाने को कहा। उन्होंने संक्रमित ज़ोन के लिए टास्क फ़ोर्स बनाने के निर्देश भी दिए।
पशुपालन विभाग की तरफ से 3,0000 वैक्सीनेशन मंगाने के आदेश दे दिए गए हैं, जिसमें से 16000 उधमसिंह नगर और 14000 हरिद्वार जिले में वैक्सीन भेजी जाएगी। लंपी बीमारी की बात करें तो ये एक संक्रामक रोग है। लंपी की चपेट में आने वाले मवेशियों को बुखार आता है। मवेशी के पूरे शरीर में गांठ, नरम छाले पड़ जाते हैं। मुंह से लार निकलती है और आंख-नाक से भी स्राव होता है पशु चिकित्सकों के मुताबिक, दूध उत्पादन में कमी आना, मवेशी का ठीक से भोजन नहीं कर पाना भी इस बीमारी के लक्षण हैं।