हल्द्वानी अतिक्रमण मामले में 8 हफ्ते और नहीं टूटेंगे 4000 से ज्यादा घर, अब दो मई को होगी सुनवाई

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Haldwani Land Eviction: हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान उत्तराखण्ड सरकार और रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में समाधान निकालने के लिए समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने आठ हफ्ते का समय दिया है। वहीं, अब मामले की सुनवाई दो मई को होगी। उत्तराखंड के लिए हल्द्वानी वनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण मामला एएसजी एश्वर्या भाटी के अनुरोध पर अगली सुनवाई तक स्थगित किया गया। SC ने कहा कि अगर किसी के पास टाइटल है, अगर कोई अतिक्रमण कर रहा है, तो उसे एक व्यावहारिक समाधान की आवश्यकता होगी।

बता दें, 2013 में एक जनहित याचिका में कहा गया कि रेलवे स्टेशन के पास गौला नदी में अवैध खनन हो रहा है। याचिका में कहा गया कि अवैध खनन की वजह से ही 2004 में नदी पर बना पुल गिर गया। याचिका पर कोर्ट ने रेलवे से जवाब मांगा। रेलवे ने 1959 का नोटिफिकेशन, 1971 का रेवेन्यू रिकॉर्ड और 2017 का लैंड सर्वे दिखाकर कहा कि यह जमीन रेलवे की है इस पर अतिक्रमण किया गया है। हाईकोर्ट में यह साबित हो गया कि जमीन रेलवे की है। इसके बाद ही लोगों को जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया। लोगों ने जमीन खाली करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से इन लोगों का भी पक्ष सुनने को कहा। फिलहाल सुप्रीम ने कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 7 फरवरी 2023 की तारीख दी है।