मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने देश के लोगों और धर्मनिरपेक्ष दलों से नफरत और सांप्रदायिक राजनीति को आगे बढ़ने से रोकने की शनिवार को अपील की। जमात ने साथ में उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे के दावे वाली 29 एकड़ ज़मीन से अतिक्रमण हटाने के राज्य के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत की ओर से प्रदान की गई अंतरिम राहत का स्वागत करते हुए आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों से संबंधित संपत्तियों पर बुल्डोज़र चलाना राजनीतिक जनसांख्यिकी बदलने की कवायद है और दावा किया कि लव जिहाद नाम की किसी भी चीज़ का अस्तित्व ही नहीं है। जमात के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंजीनीयर मोहम्मद सलीम ने दावा किया कि हल्द्वानी मामले को राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया, यह धारणा बनाने की कोशिश की जा रही है कि एक समुदाय के लोग अतिक्रमणकारी हैं और उन्हें हटाने की कोशिश की जा रही है जबकि वहां पर मुसलमान और हिंदुओं दोनों के घर हैं। सलीम ने दावा किया कि हल्द्वानी में विवादित जगह पर रहे लोगों के पास रेलवे के वहां आने से पहले के कागज़ात मौजूद हैं और उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद उन्हें अब अपनी बात कहने का मौका मिलेगा और वे अपना हक साबित कर पाएंगे. वहीं जमात के सहयोगी संगठन एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के सचिव नदीम खान ने आरोप लगाया, एक बात हम सबको समझनी होगी कि पूरे मुल्क में चल रही तोड़फोड़ की सियासत राजनीतिक जनसांख्यिकी बदलने की कवायद है। चाहे वह असम में बुल्डोज़र चलाना हो या हल्द्वानी में।