Jagdeep Dhankhar के इस्तीफे का Nainital कनेक्शन? | Uttarakhand News | Parliament Session

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जगदीव धनखड़ ने देश के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दिया, तो देश में एक अलग तरह की बहस शुरू हो गई कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, Vice President Jagdeep Dhankhar resigned और इस इस्तीफे पर देश फलक पर बहस हो रही है। लेकिन जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का उत्तराखंड से कनेक्शन निकलकर सामने आया है। ऐसे में जब उपराष्ट्रपति पद से धनखड़ ने इस्तीफा दिया तो उत्तराखंड के नैनीताल स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में हिस्सा लेने नैनीताल आए बतौर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का दौरा अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। करीब एक महीने पहले 25 जून को नैनीताल आगमन के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई थी और अब, ठीक एक महीने बाद 22 जुलाई को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। ये इसलिए क्योंकि जो इस्तीफा देने का कारण बताया गया वो खराब स्वास्थ्य बताया गया। लेकिन इस घटनाक्रम ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं।

थोड़ा पीछे जाइये और धनखड़ के उत्तराखंड दौरे को याद कीजिए। 25 जून को कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे। समारोह के अंत में जब वह मंच से उतर रहे थे, तभी अचानक उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। मंच से निकलते हुए वह अपने पुराने साथी और पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र सिंह पाल के कंधे पर झुक गए, जिससे मौके पर हड़कंप मच गया था। तुरंत सुरक्षा कर्मी और चिकित्सक सक्रिय हुए और उन्हें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह के साथ राजभवन ले जाया गया। कुछ समय बाद स्वास्थ्य में सुधार हुआ और उन्होंने दूसरे दिन शेरवुड स्कूल सहित अन्य कार्यक्रमों में भी भाग लिया। इस दौरे के दौरान उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से जुड़ाव दिखाते हुए एक अनूठी पहल की थी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि 50 साल पहले इसी दिन देश में आपातकाल लागू हुआ था, जिसे याद रखना बेहद जरूरी है।

इसके तहत उन्होंने विद्यार्थियों से आपातकाल पर निबंध लिखने का आग्रह किया और कहा कि पहले 100 निबंध भेजने वाले विद्यार्थियों को वह दो समूहों में दिल्ली बुलाकर अपने आवास पर लंच कराएंगे और संसद भवन का भ्रमण कराएंगे। लेकिन अब उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब उपराष्ट्रपति के इस्तीफे से विद्यार्थी निराश हैं। उस दौरे के दौरान धनखडड़ ने अपने संबोधन में युवाओं को लोकतंत्र की अहमियत समझाई। लेकिन आज उनके इस्तीफे पर कई तरह के सवाल हैं। तो उत्तराखंड दौरे के दौरान धनखड़ ने लोगों का दिल जीता था। और छात्रों में उनके भाषण के बाद काफी उत्साह देखने को मिला था। अब जब उनके अचानक इस्तीफे की खबर आई है, नैनीताल और कुमाऊं विश्वविद्यालय में उन छात्रों में मायूसी का माहौल देखने को मिल रहा है। जिन्होंने धनखड़ को सुना था, धनखड़ ने अपने इस्तीफे में अपने स्वास्थ्य का हवाला दिया। तो वो उत्तराखंड का दौरा भी याद आया। अब क्या जगदीप धनखड़ का स्वास्थ्य इतना खराब है कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। वो भई अचानक, ये सवाल हो रहा है