CM Dhami की सुरक्षा में लापरवाही!| Uttarakhand News | Dehradun News

Spread the love

जी हां दोस्तो हैरान करने देने वाली खबर सामने आई, जहां अपने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही हो गई। सीएम के काफिले की एक नहीं दो दो गाड़ियों के पहिए सकड़ पर जाम हो गए, और बिना फ्लीट के ही सीएम निकल गए। Fleet Has Faulty Pilot Interceptor अब कैसे हो गई इतनी बड़ी चूक, क्या ये सिर्फ एक लापरवाही है या फिर कुछ और मामला। दोस्तो मुख्यमंत्री की सुरक्षा और गाड़ियां बीच रास्ते जवाब दे गईं!सचिवालय से निकलते ही सीएम धामी की फ्लीट में हड़कंप मच गया। पहले पायलट कार बंद हुई, फिर इंटरसेप्टर भी खराब हो गई। क्या ये सिर्फ संयोग है या सुरक्षा में गंभीर लापरवाही?रिपोर्ट में देखिए, कैसे एक बार फिर सीएम की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। दोस्तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सुरक्षा से जुड़ी तमाम लापरवाही पहले भी कई बार सामने आ चुकी है। सीएम सुरक्षा से जुड़ी एक और बड़ी लापरवाही देखने को मिली। दरअसल, जब मुख्यमंत्री सचिवालय से रवाना हो रहे थे, उस दौरान सीएम फ्लीट में लगी पायलट कार खराब हो गई। जिस कारण सीएम की फ्लीट बिना पायलट कार के ही रवाना हो गई। हैरानी की बात ये है कि सीएम की फ्लीट जैसे ही सचिवालय से बाहर निकली, सीएम फ्लीट के लिए सचिवालय गेट पर खड़ी इंटरसेप्टर कार भी मौके पर खराब हो गई। ऐसे में सीएम के रवाना होने के बाद पायलट कार और इंटरसेप्टर को धक्का मारकर स्टार्ट करना पड़ा। इन दोनों तस्वीरों को देख कर आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि ये कितनी बड़ी चूक है। दोस्तो मुख्यमंत्री धामी सचिवालय में राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक संपन्न होने के बाद धामी गढ़ी कैंट स्थित हिमालय सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस कार्यक्रम के लिए रवाना हो रहे थे। जैसे ही सीएम की फ्लीट सचिवालय से रवाना हुई, इस दौरान सीएम फ्लीट में लगी पायलट कार बंद पड़ गई। कई बार स्टार्ट करने की कोशिशों के बावजूद कार स्टार्ट नहीं हुई।

इसके बाद सीएम की फ्लीट, पायलट कार को वहीं छोड़कर रवाना हो गई, लेकिन हैरानी की बात यह है कि जब सीएम की फ्लीट सचिवालय गेट से बाहर निकल रही थी, उस दौरान फ्लीट को रास्ता दिखाने के लिए खड़ी पुलिस की इंटरसेप्टर कार भी खराब हो गई। दोस्तो अब क्या था सीएम की फ्लीट सचिवालय गेट पर ही रुक गई। इसके बाद पुलिस प्रशासन और तमाम लोगों ने मिलकर इंटरसेप्टर को धक्का दिया। इसके बाद सीएम की फ्लीट सचिवालय गेट से बाहर निकली। ऐसे में एक बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आखिरकार मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर इतनी लापरवाही कैसे बढ़ती जा रही है, जबकि सीएम सुरक्षा में लगे वाहन हमेशा से ही चुस्त और दुरुस्त रहने चाहिए। आलम ये है दोस्तो उत्तराखंड सरकार, पुलिस विभाग को बेहतर और आधुनिकीकरण के लिए हर साल भारी भरकम बजट देती है। बावजूद इसके सीएम धामी के फ्लीट में ही खराब वाहनों को तैनात किया गया है। जिस कारण पुलिस विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दोस्तो सीएम धामी की सुरक्षा में चूक के मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं। इसी साल जुलाई माह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में गए थे। उस दौरान सीएम की सफारी में इस्तेमाल की गई जिप्सी की फिटनेस पांच साल पहले समाप्त हो चुकी थी। इसके बाद वन विभाग ने इसकी जांच की थी और संबंधित चालक और कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की थी। इसके अलावा, ऐसे ही लापरवाही देखने को मिली थी, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की फ्लीट सचिवालय गेट से निकल रही थी। उसे दौरान सचिवालय गेट पर एक निजी कार खड़ी होने के चलते मुख्यमंत्री की फ्लीट को आधा घंटा तक गेट पर ही इंतजार करना पड़ा था। लेकिन दोस्तो यहां मै आपको बता दूं कि प्लीट में पायलट और इंटरसेफ्टर कार काम क्या होता है।

थोड़ा गौर कीजिएगा, दोस्तो किसी भी वीआईपी फ्लीट में सबसे आगे जो गाड़ी चलती है, वो पायलट कार होती है. जिसमें पुलिस कर्मी मौजूद होते हैं। जब कोई भी वीआईपी कहीं मूव करते हैं तो जरूरत पड़ने पर हूटर पायलट कार ही बजाती है। वीआईपी की सुरक्षा में दो पायलट कार लगी होती है। एक फ्लीट के सबसे आगे और एक फ्लीट के सबसे पीछे चलती है, जबकि इंटरसेप्टर कार, ट्रैफिक की होती है, जो वीआईपी को रास्ता दिखाते हुए कुछ दूरी तक फ्लीट के आगे चलती है। साथ ही ट्रैफिक को क्लियर करती है। लेकिन दोस्तो यहां तो ये दोनों महत्वपूर्ण फ्लीट की कारे धक्का खा रही हैं। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में हुई ताजा चूक की तस्वीर, सवाल साफ है—जब वीआईपी सुरक्षा की गाड़ियां ही भरोसेमंद नहीं, तो व्यवस्था कितनी सुरक्षित है? मुख्यमंत्री की फ्लीट में चलने वाले वाहन हुए धक्कामार, विडिओ वायरल होने के बाद एसएसपी ने किया इंटरसेप्टर वाहन के चालक को सस्पेंड। VIP फ्लीट में नियुक्त समस्त वाहनों की चेक की गई मेंटेनेंस बुक, मेंटेनेंस बुक(लॉग बुक) में सभी वाहनों की मेंटेनेंस पाई गई सही फिर भी किस कारण से उक्त वाहन स्टार्ट नहीं हुआ इस संबंध में विस्तृत जांच Co ट्रैफिक को सौंपी गई है।