उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में स्थित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क का दौरा किया था। मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री को जिस जिप्सी में कॉर्बेट की सैर करवाई गई उसकी सुरक्षा ऑडिट ही नहीं की गई। CM Dhami Riskie Gypsy Rides इस गाड़ी की फिटनेस भी 5 साल पहले ही एक्सपायर हो चुकी थी। इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा से बड़ा खिलवाड़ मानते हुए अब जांच के आदेश दिए गए हैं। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस विषय में जांच के आदेश की बात कही है। जिस गाड़ी में मुख्यमंत्री कॉर्बेट के भीतर घूम रहे थे उसी गाड़ी में कॉर्बेट के निदेशक साकेत बडोला भी मौजूद थे, लेकिन एक बार भी यह जानने की कोशिश नहीं की गई कि गाड़ी को चुनने से पहले उसके बारे में जान लिया जाए।
इस मामले में प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जांच करने के बाद ही सब कुछ सामने आएगा कि आखिर फिटनेस की जांच की जिम्मेदारी किसकी है। आपको बता दें कि पूर्व में राजाजी टाइगर रिजर्व में गाड़ी के एक ट्रायल के दौरान वन विभाग के 6 अधिकारी और कर्मचारियों की जान चली गई थी। इस मामले को डेढ़ साल गुजर चुके हैं। इस बार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मुख्यमंत्री की सुरक्षा से ही कॉर्बेट प्रशासन ने खिलवाड़ कर दिया है। आश्चर्य की बात तो ये है कि मुख्यमंत्री के लिए चुनी गई जिप्सी की पिछले 5 साल से फिटनेस ही नहीं करवाई गई थी। यही नहीं इसका इंश्योरेंस और पॉल्यूशन तक भी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन की तरफ से नहीं देखा गया। जाहिर है कि 5 साल पहले ही जिस गाड़ी की फिटनेस एक्सपायर हो गई हो उस पर बैठना खतरे से खाली नहीं था। सीधे तौर पर देखा जाए तो मुख्यमंत्री की सुरक्षा इस गाड़ी के चलते दांव लग गई, गनीमत यह रही कि ऐसी गाड़ी में चलते हुए कोई भी खराबी या हादसा नहीं हुआ।