PM मोदी वाली टोपी में दिखे CM धामी, हरीश रावत के बयान पर किया तीखा कटाक्ष

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के पहाड़ी टोपी पहनने की चर्चा उनके कपकोट से चले जाने के बाद भी हो रही है. धामी ने जो टोपी पहनी, उस पर ब्रह्मकमल का प्रतीक भी टंका हुआ था. गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंडी टोपी पहनी थी, जो विधानसभा चुनाव के माहौल में डूबे उत्तराखंड में काफी चर्चा में आ गई थी. मोदी से प्रेरित होकर यह टोपी पहनने के सवाल पर धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को देश में राज्य को नई पहचान दिलाई है और राज्य के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी इसलिए वह प्रेरणा पुरुष हैं.

सीएम धामी रविवार को जब कपकोट के दौरे पर आए थे, तब वह उत्तराखंडी टोपी पहने हुए दिखे थे, जो भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय रही. कपकोट में नाराज़ भाजपा नेता शेर सिंह गड़िया को मनाने के लिए जब धामी पहुंचे तो उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को लेकर भी आलोचना वाले बयान देने में परहेज़ नहीं किया. धामी ने एक बार फिर रावत को ‘बूढ़ा’ और ‘महत्वहीन’ नेता बताते हुए तंज़ कसे तो रावत ने भी पलटवार में कसर नहीं छोड़ी. धामी और रावत के बीच हुई इस तरह की बयानबाज़ी भी लगातार चर्चाओं में बनी हुई है.

हरीश रावत को कांग्रेस गंभीरता से नहीं लेती: धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरीश रावत की बात को जब उनकी पार्टी ही गंभीरता से नहीं लेती, तो वह या भाजपा क्यों उनकी बात को गंभीरता से लेगी. धामी ने कपकोट दौरे पर हरीश रावत के उस बयान पर टिप्पणी की, जिसमें रावत ने कहा था, ‘धामी जैसे चार बार बूढ़े हो जाएंगे, तब भी मैं बूढ़ा नहीं होउंगा.’ इस बयान पर धामी ने साफ तौर पर कह दिया कि रावत वानप्रस्थ आश्रम में हैं तो उनकी बात का क्या बुरा माना जाए!

धामी ने कहा, ‘हरीश रावत की बात को उनकी पार्टी के नेता ही गंभीरता से नहीं लेते हैं, तभी उन्हें कभी हरिद्वार तो कभी रामनगर पटकते हैं. अब लालकुंआ से वह चुनाव हारने के लिए मैदान में उतार दिए गए हैं. चुनाव के बाद कांग्रेस हरीश रावत को पता नहीं कहां भेज देगी? रावत की अब कांग्रेस में कोई अहमियत नहीं रह गई है. वह वानप्रस्थ आश्रम में जीवन जी रहे हैं. मैं उनकी बात का बुरा नहीं मानता.’