उत्तराखंड में ‘मुस्लिम यूनिवर्सिटी’ खोले जाने के मामले में नया मोड़ यह आया है कि कांग्रेस ने बीजेपी नेता की शिकायत चुनाव आयोग से कर उनके सोशल मीडिया पर लगाम लगाने की मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की चुनाव अभियान कमेटी के अध्यक्ष हरीश रावत की एक तस्वीर के साथ छेड़छाड़ के मामले में कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत की गई. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने यह शिकायत करते हुए भाजपा नेता तेजिन्दर बग्गा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, तो बग्गा ने फिर वही तस्वीर पोस्ट करके मामले को तूल दे दिया.
कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कथित तौर पर कहा कि कांग्रेस और हरीश रावत की छवि खराब करने और राज्य का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश बग्गा ने की. दरअसल भाजपा की उत्तराखंड यूथ विंग के प्रभारी तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अपने सोशल मीडिया हैंडलों पर हरीश रावत की एक ‘मॉर्फ्ड इमेज’ साझा की थी, जिसमें रावत को दाढ़ी में दिखाया गया था. इस इमेज पर विवाद हुआ, तो उसकी खिल्ली उड़ाते हुए भी बग्गा ने एक और पोस्ट लिखा. इस ट्विटर पोस्ट में बग्गा ने कांग्रेस पर उत्तराखंड में ‘मुस्लिम राजनीति’ करने का आरोप फिर लगाया.
बग्गा ने कैसे दिया मामले को तूल?
जब कांग्रेस ने बग्गा के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की, तो उन्होंने एक बार फिर हरीश रावत की तस्वीर दाढ़ी और टोपी वाली तस्वीर पोस्ट कर उसमें ‘हरीशुद्दीन’ लिखते हुए कहा, ‘मैं बार बार, 1000 बार ऐसा करूंगा, वो चाहें तो 1000 बार मेरी शिकायत करें. वो मुझे जेल भेज सकते हैं, लेकिन देवभूमि के इस्लामीकरण के विरोध में मैं लड़ता रहूंगा.’
आखिर क्या है पूरा मामला?
ये विवाद असल में तब शुरू हुआ जब सहसपुर के कांग्रेस नेता अकील अहमद का एक वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि टिकट न मिलने पर वह अपना विरोध इस शर्त पर वापस ले रहे हैं कि कांग्रेस सरकार बनने पर उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनेगी. कथित तौर पर अहमद ने कहा था कि इस बारे में हरीश रावत से उनकी बात हो गई थी. इसके बाद रावत का भी बयान आया था कि कांग्रेस आधिकारिक तौर पर जब यह घोषणा करेगी, तभी यह मुद्दा हो सकता है.