हरीश रावत बोले- नेताओं के महत्वाकांक्षी होने में क्या खराबी है? बूढ़ी हड्डियों में अभी भी है दम

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उत्तराखंड कांग्रेस (Uttarakhand Congress) में कैंपेन कमेटी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि राजनीति में महत्वाकांक्षा रखने में कोई हर्ज नहीं है. न्यूज़ 18 के साथ खास इंटरव्यू के दौरान रावत ने कहा कि मौका मिलने पर वो सरकार की कमान संभालना चाहेंगे. हालांकि, कांग्रेस में पंजाब और उत्तराखंड में किसी भी मुख्यमंत्री पद के चेहरे को घोषित नहीं किया है, लेकिन दोनों ही राज्यों में नेता अपने-अपने ढंग से खुद को प्रोजेक्ट करते रहे हैं.

73 साल के हरीश रावत ने कहा कि उनकी बूढ़ी हड्डियों में बहुत दम है. यह बात उन्होंने तब कही जब उनसे पूछा गया उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि हरीश रावत की स्थिति कांग्रेस में ‘बेचारे’ वाले हो गई है. युवा वर्सेस उम्र दराज की बहस के बीच हरीश रावत ने तंज कसा कि बीजेपी में अनुभव की कमी है लिहाजा युवा के नाम पर कम अनुभव वाले चेहरे को सरकार की कमान सौंपी गई है.

कांग्रेस के अंदर जारी सत्ता संघर्ष पर हरीश रावत ने कहा कि नेताओं के अंदर महत्वाकांक्षा होना जरूरी है. 2016 में कांग्रेस सरकार को धराशाई करने वाले हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी पर हरीश रावत खुश नहीं रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि अगर कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में हुई तो इस बात की क्या गारंटी है कि हरक सिंह उनकी राह में रोड़ा नहीं बनेंगे. इस सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि हरक मेरे छोटे भाई हैं और उन्होंने भरोसा दिया है कि वो ‘गड़बड़’ नहीं करेंगे.

टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस में आई बागियों की बाढ़ पर रावत ने कहा कि जब कार्यकर्ताओं को लगता है पार्टी सत्ता में आने वाली है तो स्वाभाविक तौर पर उसमें टिकट के लिए मारामारी मच जाती है. बागियों को मनाने की कोशिश जारी है.

चुनावी वादों पर बोले हरीश रावत
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों द्वारा किए जा रहे लोकलुभावन वादों का संज्ञान लिया है. इधर कांग्रेस में भी सत्ता में आने की स्थिति में ₹500 में गैस सिलेंडर, 5 लाख लोगों को 40 हज़ार रुपये की सहायता जैसी घोषणा की है. सुप्रीम कोर्ट की बात और कांग्रेस के वादों पर सवाल पूछने पर हरीश रावत ने कहा कि कोर्ट को यह भी साफ करना चाहिए कि आखिर पार्टियां किस हद तक घोषणाएं कर सकती हैं.