No one would have shown this picture of Dharali, how did the disaster change the geography? |

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तबाही से पहले कैसी थी धराली? अब क्या बचा? ISRO की तस्वीरें बता रही हैं सब कुछ है इसलिए अंत तक मेरे साथ वीडियो में जरूर बने रहें क्योंकि मैं बताउंगा की इसरो ने अब क्यों दी है चेतावनी। Uttarakhand Cloudburst उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली क्षेत्र में आई आपदा ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया दोस्तो अब इस त्रासदी की भयावहता को दर्शाती ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं, जो तबाही से पहले और बाद की स्थिति को साफ-साफ दिखा रही है। मै आज आपको इसरो की आंखों से उस तस्वीर को दिखाने जा रहा हूं जो शायद ही हम लोग देख पाएं हैं अपनी इन आखों से और साथ ही आगे ये भी बताउंगा कि नुकसान का आकलन इसरो ने कैसे किया और उस चेतावनी के बारे में भी जिसको लेकर इसरो आगाह कर रहा है अभी से। दोस्तो उत्तराखंड के उत्तरकाशी में प्रकृति ने कहर बरपाया है। धराली और सुखी टॉप पर बादल फटने से कई घर तबाह हो गए। अब तक 7 लगों की मौत की खबर है। वहीं, 1300 लोगों को बचा लिया गया है। इसरो (ISRO) ने इस तबाही से पहले और बाद की तस्वीर जारी किया है। इसरो ने एक सेटेलाइट तस्वीर में धराली गांव के आसपास अचानक आई बाढ़ के कारण हुई तबाही को दिखाया गया है। जिस तस्वीर के बारे में मै बात करने आया हूं। दोस्तो वैसे तो अलग-अलग तस्वीरो के माध्यम से हम उस तबाही को हर रोज देख रहे हैं। उस तबाही के निशान जहां धराली दिखते है तो वहीं मेरे और आपके दिलो दिमाग में घर कर गए हैं।

चलिए मै आपको ISRO की आंखों से धरती पर टूटी आफत को बताता हूं। उस तस्वीर को अपने पीछे दिखाता हूं। धराली में तब क्या था और आज क्या बचा है नुकसान हुआ है ये तो सब जानते हैं दगड़ियों लेकिन कुछ बचा भी है। ये भी बताता हूं दोस्तो ISRO द्वारा जारी की गई उपग्रह छवियों में धराली और आसपास के क्षेत्र का भौगोलिक बदलाव साफ देखा जा सकता है। आपदा से पहले की तस्वीरों में जहां हरियाली और प्राकृतिक बहाव वाले रास्ते नजर आ रहे हैं, वहीं आपदा के बाद की तस्वीरों में जगह-जगह मलबा, भू-स्खलन और नदी के रास्तों में बदलाव साफ देखे जा सकता है। दोस्तो विशेषज्ञों की माने तो यह बदलाव अचानक आई बाढ़ बादल फटने और भारी वर्षा के कारण हुआ, जिससे नदियों का बहाव तेज हो गया और कई क्षेत्रों में जलप्रलय जैसा दृश्य बन गया। दगड़ियो आगे में आपको बताउंगा की उत्तराखंड की आपदा पर कैसे देश और दुनिया के बड़े-बड़े संस्थान बनाए हुए हैं। साथ ही मै आपको ये भी बताउंगा की कैसे हमारा उत्तराखंड अब तमाम वैज्ञानिकों के लिए एक खोज का विषय बन गया है। दगड़ियो वैसे तो अपने उत्तराखंड की सुन्दरता को दुनिया निहारना चाहती है लेकिन इन दिनों देश-दुनिया में उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित धराली में आई भीषण आपदा की ही चर्चा है। भौगोलिक और प्राकृतिक प्रयोगों से जुड़े बड़े-बड़े संस्थान इस आपदा को लेकर रिसर्च कर रहे हैं। हर कोई जानना चाहता है कि सिर्फ 30 से 35 सेकंड के अंदर एक बसा बसाया कस्बा कैसे प्राकृतिक आपदा में तबाह हो गया। इसरो द्वारा ली गई धराली की दो तस्वीरें जारी की हैं। इनमें पहली तस्वीर 13 जून 2024 की है। दूसरी तस्वीर 7 जुलाई 2025 की है, जो आपदा आने के बाद तीसरे दिन ली गई है। दोस्तो आगे में आपको इन दोनों तस्वीरों के बारे में बताने जा रहा हूं तो आप से गुजारिश ये कि आप अंत तक जरूर मेरे साथ बने रहे..ताकि मै बता पाउं कि इसरो इस आपदा पर क्या कह रहा है।

दोस्तो इसरो ने धराली की पहली तस्वीर पिछले साल 13 जून की जारी की है। इसरो द्वारा अपनी वेबसाइट पर जारी की गई इन तस्वीरों में पिछले साल 13 जून को ली गई फोटो में खीर गंगा नदी के सामने और अगल-बगल और भागीरथी के तट पर बसे धराली गांव और उसके बाजार की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं। खीरगंगा के बहाव क्षेत्र में जब वो पहाड़ी से उतरकर मैदानी इलाके प्रवेश करती है, तो उसके ठीक सामने होटल, घर और बड़े-बड़े पेड़ पौधे दिखाई दे रहे है। जो आप मेरे पीछे देख पा रहे हैं। कुल मिलाकर एक पहाड़ी कस्बे की बसावट दिख रही है…जिससे आप और मै शायद हमेशा देखना चाहते थे लेकिन अब बरबाद हो चुका है। दगड़ियो अब बात उस तस्वीर की करने जा रहा हूं जिसे आप और मै कभी देखना नहीं चाहेंगे इसरो ने धराली की दूसरी तस्वीर 7 अगस्त की जारी की। इसरो ने जो दूसरी तस्वीर जारी की है वो उत्तरकाशी धराली में 5 अगस्त को आई आपदा के बाद 7 अगस्त 2025 की है। इस तस्वीर में धराली का खीरगंगा नदी के सामने और अगल-बगल बसा इलाका पूरी तरह वॉश आउट हुआ दिख रहा है वहां सिर्फ मैदान दिख रहा है जिस पर मलबा जमा हुआ है। खीर गंगा ने जो तबाही मचाई और अपने साथ वो जितना मलबा लाई उसने भागीरथी की लय और रफ्तार को भी बिगाड़ दिया है। इस तबाही ने सबको खामोश कर दिया दोस्तो दोनों तस्वीरों में बदला दिख रहा धराली का भूगोल 7 अगस्त की तस्वीर में साफ दिख रहा है कि खीरगंगा की बाढ़ ने भागीरथी नदी के प्रवाह स्थल को भी संकुचित कर दिया। भागीरथी नदी में आधे से ज्यादा क्षेत्र में मलबा पटा हुआ दिख रहा है। इस मलबे के कारण भागीरथी एक संकरे मार्ग से बह रही है पहाड़ से उतरकर जो खीर गंगा दाईं तरफ होकर बहती थी, उसने सामने के बसावट को छिन्न-भिन्न करके सीधा रास्ता बना लिया है। इससे पता चल रहा है कि खीर गंगा की आपदा ने धराली का भूगोल पूरी तरह बदल दिया है। सिर्फ धराली का ही भूगोल नहीं बदला है, बल्कि भागीरथी जैसी अपने से काफी बड़ी नदी के प्रवाह मार्ग को भी डिस्टर्ब कर दिया है।