गैरसैंण सत्र में ड्यूटी देने गए नोडल अफसरों, कार्मिकों के रहने-खाने के लाचार इंतजाम दीपक जोशी ने स्पीकर से करी ये मांग

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गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र में शासकीय ड्यूटी दे रहे सचिवालय के सभी नोडल अधिकारियों और सहयोगी कर्मचारियों तथा राज्य संपत्ति विभाग के वाहन चालकों के रहने-ठहरने के लचर इंतजाम व विधानसभा सचिवालय की अव्यवस्थाओं के विरुद्ध सचिवालय संघ द्वारा तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया है कि गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र में ड्यूटी दे रहे नोडल अधिकारी व अन्य सहयोगी कार्मिकों द्वारा सचिवालय संघ के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया है कि वहां पर रहने के लिए पर्याप्त कक्ष की उपलब्धता नहीं है और न ही खाने की गुणवत्ता उचित है।

दीपक जोशी ने कहा कि विधान सभा सचिवालय की ओर से खाने के जो इंतजाम किए गए हैं, वह बहुत ही निम्न कोटि के हैं तथा सभी लोगों को एक साथ खाने का इंतजाम करने से अफरा-तफरी का माहौल है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी दे रहे लोगों के लिए वहां खाने को लेकर लंबी कतारों में लगकर अत्यंत दयनीय स्थिति में हमारे लोग जैसे तैसे भोजन करने को मजबूर हैं। दीपक जोशी ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था बहुत ही दयनीय और निंदनीय है। दीपक जोशी ने आरोप लगाया कि वहीं दूसरी ओर उच्चाधिकारियों व महानुभावों के लिए उच्च कोटि की पृथक व्यवस्था की गई है लेकिन वहां हमारे नोडल अधिकारियों व अन्य सहयोगी कार्मिकों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। दीपक जोशी ने आरोप लगाया कि यह दोहरी व्यवस्था स्वागत योग्य नहीं कही जा सकती है।

उन्होंने कहा कि सचिवालय संघ ऐसी दोहरी व्यवस्था का प्रबल विरोध करता है तथा विधानसभा सचिवालय विशेषकर विधानसभा अध्यक्ष से उक्त कमियों का तत्काल निराकरण करते हुए नोडल अधिकारियों व सहयोगी कार्मिकों के लिए पर्याप्त कक्ष की व्यवस्था तथा उच्च कोटि के खानपान की व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने की मांग करता है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि भराड़ीसैंण में होने वाले विधानसभा सत्र में इस तरह की अव्यवस्थाओं को देखते हुए सचिवालय संघ की सरकार से भविष्य के लिए यह मांग भी है कि विधानसभा सचिवालय द्वारा बरती जा रही अव्यवस्थाओं के मद्देनजर अब आगे से सचिवालय सेवा से किसी भी अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तभी तैनात किया जाए, जब तक उनके रहने के लिए पर्याप्त कक्ष व उच्च कोटि के भोजन इत्यादि की व्यवस्था दुरुस्त न कर ली जाए।