जी हां दोस्तो एक तरफ उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में भालू-गुलदार ने आम जन का हाल बेहाल किया, परेशानी इतनी बड़ी और बिकराल की इस समस्या का समाधान खोजे नहीं मिल रहा कि कैसे जंगली जानवरों से लोगों को सुरक्षित किया जाए, लेकिन अब एक ऐसा प्लान तैयार हुआ है जो भालू और गुलदार को देखते ही अलर्ट कर देगा। बकायदा सायरन भी बजेगा। इससे कैसे गांवों में नहीं मचेगा गुलदार भाालू से उत्पात वो मै आपको बताउंगा आपनी इस रिपोर्ट के जिरिए। दोस्तो उत्तराखंड के पहाड़ी और ग्रामीण इलाकों में अब वो डर शायद इतिहास बनने वाला है। जो अंधेरे में खेतों, रास्तों और घरों के आसपास भालू और गुलदार की आहट से पैदा हुआ। अब सवाल ये नहीं कि जानवर आएगा या नहीं,बल्कि सवाल ये है कि AI पहले चेतावनी देगा जब खतरा सामने आएगा?जी हा, दोस्तो उत्तराखंड में भालू और गुलदार से निपटने के लिए तैयार किया है एक हाईटेक AI प्लान, की खबर के बारे में बात कर रहा हूं। वो कहने वाले कह रहे हैं कि जैसे ही कैमरे की नजर में आएगा जंगली जानवर,वैसे ही बजेगा सायरन और गांव हो जाएगा सतर्क। अब कैसे करेगा AI जंगल की चौकीदारी? क्या वाकई इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष पर लगेगी लगाम? पूरी खबर अंत तक जरूर देखिएगा दोस्तो।
इन दोनों उत्तराखंड में जंगली जानवरों का आतंक लगातार देखने को मिल रहा है, जिसे रोकने के लिए राज्य की धामी सरकार लगातार अभियान चला रही है। हालात ऐसे हैं कि खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मोर्चा संभाले हुए हैं। सीएम समय-समय पर अधिकारियों की समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। साथ ही उन्हें सख्त निर्देश भी दे रहे है। दोस्तो इन सबके बीच अब पिथौरागढ़ के वन विभाग ने जंगली जानवरों के आतंक से बचने के लिए A.I. कैमरे का सहारा लेने का फैसला किया है। ये A.I. कैमरे डेढ़ सौ मीटर दूर से ही जंगली जानवरों की पहचान कर लेंगे और जोरों से सायरन बजने लगेगा। इतना ही नहीं दोस्तो बताया तो भी जा रहा है कि, भालू को देखते ही A.I.कैमरा बियर स्प्रे भी फेंकना शुरू कर देगा, जिससे भालू तुरंत वहां से भाग जाएगा। इस डिवाइस से मानव-वन्यजीव की घटनाएं रुकेंगी। दोस्तो वन विभाग की माने तो विभाग सभी जंगलों में जो आबादी से लगा हुआ क्षेत्र हैं और वहां वन्यजीवों का आतंक देखने को मिल रहा है. वहां पर एक A.I. कैमरा लगाया जा रहा है, जो वन्य जीवों को शेर भालुओं आबादी वाले इलाके मैं आने से रोकेगा, साथ ही इन A.I. कैमरे से वन विभाग को भी जंगली जानवरों की लोकेशन ट्रेस करने में मदद मिलेगी. वन विभाग ने पांच A.I. कैमरे शुरुआती परीक्षण के लिए मंगा लिए हैं। अब दोस्तो आप सब के मन में एक सवाल होगा कि ये कैसे काम करेगा, डीएफओ बताते हैं कि यह एक ऐसा A.I. कैमरा है, जिसमें एक हूटर भी लगा हुआ है। जैसे ही यह कैमरा बंदर, भालू, बाग़ या जो भी जंगली जानवर जिसकी डिटेल इसमें फिड करेगा तो जैसे ही कोई भी जंगली जानवर इस केमरे की रेंज में आएगा तो यह कैमरा उसकी फोटो खींच कर मोबाइल के माध्यम से वन विभाग को मैसेज भी भेजेगा ,और इसी कमरे में लगा हुआ हूटर जोर जोर से बजना भी शुरू हो जायेगा। दोस्तो कमाल की बात तो ये है कि ये कैमरा एक ऐसा A.I. कैमरा है, जिसमें हूटर की जो साउंड है, वह भी जानवरों की आवाजों में सेट की जा सकती है। जैसे ही बंदर इसकी रेंज में आएगा तो हूटर से शेर के दहाड़ने की आवाज आने लगेगी, जिससे गांव में बंदर नहीं घुसेंगे और भाग जायेंगे, या भालू को डिटेक्ट करते ही हाथी की आवाज आने लगेगी। जिससे भालू को आबादी वाले क्षेत्र में आने से रोका जा सकेगा, वहीं जानवरों के हिसाब से A.I. कैमरे में अलग-अलग जानवरों की आवाज भी सेट की जा सकती है। जिससे अलग-अलग जानवरों को डिटेक्ट करते ही वो उससे रिलेटेड दूसरे जानवर की आवाज हूटर से निकलना शुरू हो जाएगा। वहीं दोस्तो पिथौरागढ़ जनपद में ये पहला ऐसा मामला है, जब वन विभाग A.I. कैमरे के माध्यम से जंगली जानवरों से निपटने की तैयारी कर रहा है। ये कैमरा बिजली और सोलर दोनों से चलता हैं। ग्रामीणों का भी मानना हैं कि इस एआई कैमरे की मदद से बाघ, भालू और बन्दर के आतंक से उन्हें छुटकारा मिल जायेगा। ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए, अब कितना कारगर साबित होगा ये तो वक्त बताएगा।