देहरादून: प्रदेश की राजधानी देहरादून से दिल्ली का सफर आसान होने जा रहा है। जिस दूरी को तय करने में छह घंटे लगते हैं, वो ढाई से तीन घंटे में तय हो सकेगी। देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे बनाने की काम जारी है। इस एक्सप्रेसवे का काम पूरा होने पर लोगों को बहुत राहत मिलने वाली है। बताया जा रहा है इसका निर्माण वर्ष 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसकी शुरुआत गणेशपुर से होती है, यहां रोड के चौड़ीकरण का काम चल रह है। शुरुआत में एक्सप्रेस-वे ग्राउंड लेवल पर रहेगा, आगे एलिवेटेड रोड बनेगी। इसका शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने दिसंबर में किया था। उस पर यूपी के सहारनपुर से लेकर देहरादून तक जल, जंगल और पहाड़ को छेड़े बिना राजाजी नेशनल पार्क से होते हुए 18 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड तैयार हो रहा है।
2025 तक पूरे होने वाले इस एक्सप्रेस-वे में ऐसी कई तकनीकी खूबियां हैं, जो पहली बार देखने को मिलेंगी। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे के तहत वन्यजीवों की सुरक्षा की दृष्टि से राजाजी नेशनल पार्क के जंगल वाले इलाके में बनने वाले दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। वहीं दूसरी ओर डाट काली में सहारनपुर वाले छोर से 340 मीटर लंबी नई टनल की खुदाई की जा रही है। टनल निर्माण का काम कर रही कंपनी यहां लोहे की रिब लगाकर मशीन के जरिये ड्रिलिंग कर रही है। दिल्ली-देहरादून ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर के पहले चरण की शुरूआत मार्च 2021 में हुई थी। पहले चरण में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से दिल्ली तक छह लेन की एलिवेटेड रोड का निर्माण होना है। जबकि दूसरे चरण में हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ व बड़ौत को जोडने के लिए सात जगह इंटरचेंज होंगे। इस एक्सप्रेसवे के लिए हरिद्वार तक 51 किमी के दौरान छह इंटरचेंज, चार फलाईओवर, छह प्रमुख पुल, 10 माइनर और दो आरओबी भी बनाए जाएंगे।
पर्यावरण को नहीं होगा नुकसान: पिछले दिनों नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( NGT) ने इस प्रोजेक्ट को बिवाश पांडव की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के बाद मंजूरी दी थी। उसके आधार पर NGT ने इस शर्त को प्राथमिकता पर रखा कि निर्माण से पर्यावरण को नुकसान न हो और वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर में बाधा उत्पन्न न हो। NGT के निर्देश पर 12 सदस्यों की समिति हर महीने अपनी रिपोर्ट दे रही है। पहले लगभग 40 हजार पेड़ काटे जाने थे, लेकिन इसे 12 हजार पर लाया गया। निगरानी नेशनल हाइवे अथॉरिटी इंडिया कर रही है। शिवालिक पहाड़ियों से निकलने वाली बरसाती नदियों में पिलर बनाए जा रहे हैं, जो बहाव को प्रभावित नहीं करेंगे। NHAI के साइट इंजीनियर रोहित पंवार का कहना है कि एलिवेटेड फ्लाइओवर के लिए मानसून से पहले पिलरों का निर्माण पूरा हो जाएगा। वहीं देहरादून-सहारनपुर की सीमा पर पहाड़ में स्थित डाट काली मंदिर पर 340 मीटर लंबी नई टनल की ड्रिलिंग शुरू हो चुकी है। थोड़ा आगे ब्रिटिश काल में बने लगभग 136 साल पुराने फॉरेस्ट रेस्ट हाउस को भी हटाया जा रहा है। भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे इस हाईस्पीड रोड के तैयार होने पर दिल्ली से देहरादून तक की 254 किमी की दूरी अभी 7-8 घंटे के बजाय ढाई घंटे में तय हो सकेगी। इसमें हरिद्वार के लिए नया रास्ता बनेगा और सहारनपुर बाईपास से नई सिक्स लेन सड़क को जोड़ेगा।