जोशीमठ भूधंसाव: अब विज्ञानियों की रिपोर्ट तय करेगी बद्रीनाथ यात्रा का स्वरूप, चार फरवरी को होगी अहम बैठक

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Joshimath Sinking: चमोली जिले के अंतर्गत जोशीमठ शहर में भूधंसाव के कारणों की जांच में जुटे आठ संस्थानों के विज्ञानियों की रिपोर्ट के आधार पर बदरीनाथ धाम की यात्रा का स्वरूप तय होगा। जोशीमठ से गुजर रहे बदरीनाथ राजमार्ग पर कई जगह धंसाव हुआ है। विज्ञानियों की रिपोर्ट के बाद शासन यह तय करेगा कि इस राजमार्ग के जोशीमठ क्षेत्र वाले हिस्से में कितना भार डाला जाए। इस परिदृश्य के बीच जैसे संकेत मिल रहे हैं, वे इसी तरफ इशारा कर रहे हैं कि इस बार बदरीनाथ यात्रा नियंत्रित तरीके से ही संचालित होगी। चमोली जिले की जोशीमठ आपदा से सबक लेते हुए सरकार ने अब पर्वतीय क्षेत्र के शहरों की धारण क्षमता के आकलन की दिशा में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने धारण क्षमता के आकलन को एजेंसी तय करने के दृष्टिगत नियोजन विभाग को निर्देशित किया है।

जोशीमठ के आपदाग्रस्त क्षेत्र के उपचार, प्रभावितों के पुनर्वास समेत अन्य विषयों को लेकर तात्कालिक तौर पर कदम उठाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) जल्द ही दिशा-निर्देश जारी कर सकता है। एनडीएमए को हाल में ही जोशीमठ में जांच कार्य में जुटे संस्थानों ने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी थी। सूत्रों के अनुसार अब एनडीएमए ने चार फरवरी को इन संस्थानों की बैठक बुलाई है। इसमें जोशीमठ को लेकर संस्थानों की प्रारंभिक रिपोर्ट के साथ ही वर्तमान स्थिति के संबंध में चर्चा होगी। जोशीमठ में आई आपदा के बाद एनडीएमए के दल ने प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से विमर्श किया था। सीबीआरआइ ने सभी संस्थानों की प्रारंभिक रिपोर्ट भेजी थी। एनडीएमए में इन संस्थानों की प्रारंभिक रिपोर्ट पर मंथन चल रहा है। इसी कड़ी में चार फरवरी को एनडीएमए ने इन संस्थानों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया है। इसमें प्रारंभिक रिपोर्ट के बिंदुओं पर विमर्श के साथ ही जोशीमठ में तात्कालिक तौर पर क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इस पर विचार किया जाएगा।