देहरादून: पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में पर्यटन और धार्मिक तीर्थाटन को लेकर लोगों का बहुत क्रेज देखने को मिला है। केवल सीजन में ही नहीं बल्कि ऑफ सीजन में भी अब पर्यटक और श्रद्धालु उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं। खासतौर से चारधाम यात्रा में कपाट बंद होने के बाद प्रदेश में मौजूद उन मंदिरों में जो कि शीतकालीन मौसम में भी खुले रहते हैं, वहां पर शीतकालीन यात्रा की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। यही वजह है कि शीतकाल में उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इन मंदिरों में के दर्शन को लेकर प्लान तैयार किया जा रहा है।
बदरी केदार मंदिर समिति का कहना है कि उखीमठ में मौजूद पौराणिक ओंकारेश्वर मंदिर और कोठा भवन मंदिर के जीर्णोद्धार और परिसर को विकसित करने के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। उखीमठ में मौजूद इस पूरे मंदिर परिसर के पुनर्निर्माण के लिए पहले चरण और दूसरे चरण की डीपीआर तैयार की जा चुकी हैं। अजेंद्र अजय ने बताया कि पहले चरण की डीपीआर 7 करोड़ की है। वहीं जोशीमठ में मौजूद नृसिंह मंदिर में भी पुनर्निर्माण के कार्य होने हैं। यहां पर मंदिर परिसर का भव्य निर्माण पहले ही किया जा चुका है। परिसर के बाहर वाहनों को पार्क करने के लिए एक व्यवस्थित पार्किंग बनाने के लिए प्लानिंग की जा रही है।
वहीं इसके अलावा भगवान शिव और पार्वती के विवाह स्थल त्रिजुगी नारायण मंदिर अभी शीतकालीन यात्रा के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र बन सकता है। जिसको लेकर लगातार योजना बनाई जा रही है। यह पिछले कुछ सालों में एक वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हुआ है। हालांकि यहां पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं या फिर पर्यटकों के लिए उस तरह की व्यवस्थाएं नहीं हैं, कि एक अच्छा आयोजन यहां पर किया जा सके। त्रिजुगी नारायण मंदिर में कई व्यवस्थाएं सुधारी जानी हैं। वहीं एक बड़ा मंदिर परिसर भी वहां पर बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसको लेकर के काम प्रोग्रेस में है।