Ankita Murder Case : वनन्तरा रिसार्ट रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की गुमशुदगी के वक्त से संदिग्ध भूमिका में रहे क्षेत्र के राजस्व उपनिरीक्षक वैभव प्रताप सिंह को एसआइटी ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। शुक्रवार को अधिकारियों ने करीब तीन घंटा तक उससे लंबी पूछताछ की। मुख्य आरोपितों की रिमांड मिल जाने के बाद अब टीम इन सब का क्रास एग्जामिन करेगी। उसकी भूमिका संदिग्ध मिलने पर उसे गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले पटवारी वैभव प्रताप को अंकिता मर्डर केस में लापरवाही बरतने पर सस्पेंड कर दिया गया था।
अंकिता भंडारी मर्डर केस में अभी तक की जांच में यह बात सामने आई कि अंकिता के पिता जब सबसे पहले राजस्व पुलिस व्यवस्था के स्थानीय पटवारी और रेवेन्यू इंस्पेक्टर वैभव प्रताप सिंह के पास गुमशुदगदी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे, तो उनकी सुनवाई नहीं हुई थी। शिकायत पर रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई थी। 24 घंटा पूरा होने के बाद जब गुमशुदगी दर्ज करने का समय आया तो पटवारी वैभव प्रताप सिंह अवकाश पर चला गया। जबकि इससे पूर्व अंकिता के पिता भी उनके पास अपनी बेटी की गुमशुदगी की लिखित सूचना लेकर गए थे। उन्होंने रिसार्ट के ही तीन लोगों पर अपनी पुत्री को गायब करने का अंदेशा जताया था। पटवारी चौकी में पिता की शिकायत के बजाय पुलकित की गुमशुदगी सूचना को मामला दर्ज किया गया।
जब मामला तूल पकड़ने लगा दो पटवारी वैभव प्रताप ने अपनी छुट्टी बढ़ा दी। यहीं से उसकी इस मामले में भूमिका को संदिग्ध मान लिया गया। एसआइटी की प्रारंभिक जांच में क्षेत्र के पटवारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। अवकाश के लिए वैभव प्रताप ने अपने पिता के बीमार होने की बात लिखी थी। जिस पर जिला प्रशासन ने ड्यूटी ज्वाइन करते वक्त उनके पिता की तमाम मेडिकल रिपोर्ट लाने के लिए कहा था। एसआइटी की जांच आगे बढ़ती रही, सर्विलांस के जरिये तमाम साक्ष्य मिलने के बाद एसआइटी के लिए वैभव प्रताप को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।