देहरादून: उत्तराखंड में पटवारियों के कामकाज को बेहतर करने के लिए सैकड़ों टू व्हीलर्स तो लाए गए, लेकिन सिस्टम की अनियोजित प्लानिंग और लापरवाही के चलते यह गाड़ियां राजस्व परिषद के कार्यालय में धूल खा रही हैं। दरअस्ल, बीती 27 जनवरी को राज्य की पटवारी व्यवस्था को बेहतर और सुगम बनाने के उद्देश्य से हीरो मोटर कॉर्प ने 320 मोटर बाईक्स राज्य के सभी ज़िलों के पटवारियों को मुहैया कराई थी जिनका प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत रूप से फ्लैग ऑफ़ भी किया था लेकिन सिस्टम की लाचारगी देखिए आज करीब 1 माह बीत जाने के बाद भी ये बाइक्स राज्य के अलग अलग क्षेत्रों में पटवारियों के लिए नहीं भेजी जा सकी हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि इनमें कई गाड़ियां स्टार्ट भी नहीं हो पा रही है तो कई गाड़ियों की चाबियां गुम हैं तो कई गाड़ियों के अभी तक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट्स तक नहीं आए हैं। और अब जब पटवारी इन्हें लेने पहुंच रहे हैं तो नई गाड़ियों में मैकेनिक कड़ी मशक्कत के साथ इन को ठीक करने में जुटे हुए हैं। इस स्थिति को लेकर केके डिमरी कहते हैं कि जितना भी समय लगा है वह गाड़ियों को लेकर तमाम औपचारिकताओं के कारण लगा है। गाड़ियों के कुछ अतिरिक्त पाट्स भी परिषद में लाकर ही लगाए गए हैं। इसके अलावा आरटीओ से इसके रजिस्ट्रेशन तक की प्रक्रिया में भी समय लग रहा है। दूसरी तरफ सवाल ये खड़ा होता है कि अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत जैसे दूरदराज इलाकों से पटवारी ख़ुद आकर आखिर बाइक्स कैसे लेकर जायेंगे।