लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके में टी-72 टैंक हादसे में पौड़ी निवासी डीएफआर भूपेंद्र नेगी शहीद हो गए हैं। Martyr Bhupendra Negi भूपेंद्र की शहादत की खबर उनके पैतृक गांव बिशल्ड पहुंचने के बाद गांव में शोक की लहर है। भूपेंद्र नेगी 18 साल से सेना में सेवा दे रहे थे। बता दें कि भूपेंद्र नेगी अपने पीछे तीन बहन, पिता, पत्नी और 2 बेटी और 1 बेटे को छोड़ गए हैं। भूपेंद्र के पिता, पत्नी और उनके बच्चे देहरादून में रहते हैं। बीते साल जुलाई में ही भूपेंद्र गांव आए थे और अपने प्रमोशन की खबर अपने दोस्त को सुनाई थी, जिस पर दोस्त ने उन्हें बधाई दी थी, लेकिन उनके दोस्त को क्या पता था कि इस बार भूपेंद्र का आखरी बार गांव आना है। उनकी शहादत की खबर सुनने के बाद ग्रामीणों को अहसास नहीं हो रहा कि भूपेंद्र ने उन्हे अलविदा कह दिया है।
बता दें कि भूपेंद्र का पार्थिव शरीर कल उनके गांव पहुंचेगा, जहां सैन्य सम्मान के साथ पाबौ घाट में उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। शहीद का गांव आज भी पक्की सड़क से नहीं जुड़ पाया है। देश हित में सेना के 5 जवानों की शहादत अपूर्ण क्षति है। सेना के 5 जवानों की शहादत पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, समेत उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ मंत्री धन सिंह रावत ने अपनी संवेदना व्यक्ति की हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया के माध्यम से दुख प्रकट करते हुए कहा कि लद्दाख में सैन्य अभ्यास के दौरान हुए हादसे में पौड़ी गढ़वाल के भूपेंद्र सिंह नेगी जी के शहीद होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्री चरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। मां भारती की सेवा करते हुए भूपेंद्र सिंह नेगी द्वारा दिया गया सर्वोच्च बलिदान सैन्यभूमि उत्तराखण्ड के प्रत्येक युवा को राष्ट्र की रक्षा हेतु प्रेरित करता रहेगा।