यमुना घाटी के स्यानाचट्टी कस्बे में एक बार फिर झील बनने से लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्षेत्र में लगाता हो रही बारिश के कारण एक बार कस्बे में झील बनने से लोगों के घरों में पानी घुस गया है। Uttarkashi Syanachatti Lake वहीं यमुना पर बना पुल पर पेड़ आकर फंस गए हैं, जिससे नदी का पानी अब पुल के ऊपर से बह रहा है। जिस कारण लोगों में एक बार फिर दहशत का माहौल बन गया है। वहीं यहां बनी झील का जलस्तर बढ़ने से पानी होटलों की दूसरी मंजिल तक पहुंच गया। यह तीसरी बार है जब स्यानाचट्टी में झील जैसी स्थिति बनी है और इसका खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि सिंचाई विभाग की तीन मशीनें कुपड़ाखड्ड के मलबे को हटाकर जलस्तर को सामान्य करने की कोशिश कर रही हैं लेकिन लगातार बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है।
यमुना नदी में लगातार सिल्ट आने से नदी का तल काफी ऊपर उठ चुका है। परिणामस्वरूप नदी का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है और आस-पास बने होटलों की निचली मंजिलें पूरी तरह जलमग्न हो चुकी हैं। स्यानाचट्टी में दिनोंदिन बिगड़ रही स्थिति को देखते हुए रविवार को डीएम प्रशांत आर्य ने स्यानाचट्टी पहुंचकर स्थिति का जायजा लेने की योजना बनाई थी। जानकारी के अनुसार वह मातली तक पहुंच भी गये थे। लेकिन धरासू में गंगोत्री हाईवे नहीं खुल पाने के चलते वह स्यानाचट्टी नहीं पहुंच सके। पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश से उत्तरकाशी के यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव स्यानाचट्टी में हालात चुनौतीपूर्ण हो गए हैं। यहां बनी झील के बाद अब यमुना का बढ़ा हुआ जलस्तर लोगों को डरा रहा है। स्थिति यह है कि यमुनोत्री हाईवे पर बना मोटर पुल यमुना के ऊपर से पानी निकल रहा है। नदी किनारे बने होटल कई दिन से आधे पानी में डूबे हैं।