उत्तराखंड: बीजेपी की साख पर बट्टा लगा रहे संजय और हाकम जैसे लोग, पार्टी की बढ़ रहीं मुश्किलें

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Uttarakhand BJP: उत्तराखंड में हाल ही में पटवारी और जेई परीक्षा पेपर लीक के मामले सामने आये हैं। इससे पहले अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में भर्ती घोटाला और उसके बाद विधानसभा में भी भर्ती प्रकरण को लेकर भी प्रदेश में खूब हंगामा हुआ। सभी मामलों में पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। पेपर लीक मामले में आरोपियों को जेल भी भेजा गया, जिसके बाद इन आरोपियों के बीजेपी नेताओं से कनेक्शन की खूब चर्चा हो रही है। विपक्ष ने भी इस पर खूब हंगामा कर रहा है। अब भले ही बीजेपी इन नेताओं से पल्ला झाड़ रही हो। लेकिन इतना जरूर है कि कहीं ना कहीं इससे पार्टी की छवि पर भी बट्टा लगा हैं। लोक सेवा आयोग से पटवारी और जेई पेपर लीक मामले में जैसे ही एसआईटी की जांच शुरू हुई उसमें संजय धारीवाल का नाम सामने आया। संजय धारीवाल का नाम आते ही बीजेपी खेमे में हड़कंप मच गया।

अभी पार्टी हाकम सिंह पर सफाई देते देते ही थक रही थी ऐसे में संजय धारीवाल का पेपर लीक मामले में नाम सामने आने के बाद पार्टी के सामने समस्या खड़ी हो गई। छोटी सी परचून की दुकान चलाने वाला संजय धीरे-धीरे नेताओं के संपर्क में आने लगा। बाद में उसने लोन का काम भी शुरू किया। जिसके बाद उसने नेताओं की आवभगत में लगकर राजनीति की सीढ़ियां चढ़ने शुरू की। देखते ही देखते बीजेपी ने उसे संगठन में मंडल अध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी दे दी। संजय की लाइफ भी लग्जीरियस हो गई थी। इन सबके पीछे की वजह पेपर लीक मामले जैसे कारनामे थे। विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में बीजेपी और सरकार की खूब किरकिरी हुई। प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा अध्यक्ष रहते जमकर बैकडोर से भर्तियां हुई। प्रदेश में हुए अंकिता हत्याकांड में भी बीजेपी कनेक्शन निकल आया। जिसके कारण ये मामला हाईप्रोफाइल हो गया। ऋषिकेश चिल्ला मार्ग के वनंत्रा रिजॉर्ट में हुई अंकिता हत्या मामले में भी बीजेपी के पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य का कनेक्शन सामने आया. जिसके बाद विपक्ष और दूसरे विरोधी दलों ने बीजेपी पर जमकर हमला किया।