तुंगनाथ के कपाट बंद हो गए, फिर भी लग रहा है सैलानियों का जमावड़ा..गुस्से में स्थानीय लोग

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तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं. लेकिन अभी भी यहां सैलानियों का हर रोज जमावड़ा लग रहा है. इसके साथ ही कई सेंचुरी एरिया में खुलेआम अतिक्रमण भी किया जा रहा है. जबकि परंपरानुसार कपाट बंद होने के बाद यहां आना भी प्रतिबंधित है. इस बात को लेकर हकहकूक धारियों ने जोरदार विरोध करना शुरू कर दिया है. मंदिर के पुजारी रविंद्र मैठाणी का कहना है कि सेंचुरी क्षेत्र में खुलेआम निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो सरासर नियमों के विरुद्ध है. इसे रोकने वाला कोई नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्य किया जा रहा है. 

उन्होंने कहा कि पूर्व में कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ परिसर में उनके मकानों में चोरी की घटनाएं हुई थी. इसके बाद कपाट बंद होने के बाद आवागम पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई थी. लेकिन फिर से यहां हर रोज भारी संख्या में आवागमन होने लगा है. उन्होंने कहा कि तत्काल इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए. वहीं, एसडीएम ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा का कहना है कि परंपरानुसार कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ धाम में आवगमन नहीं होना चाहिए. लेकिन वन विभाग द्वारा ट्रैकिंग की अनुमति दी जाती है. वह इसलिए कि चोपता पर्यटक स्थल है. उन्होंने कहा कि तुंगनाथ धाम में अतिक्रमण किए जाने की वीडियो के जरिए जानकारी मिली है. इस संबंध मे संबंधित पटवारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.