देशभर में 189 करोड़ की ठगी, तो उत्तराखंड में 92 करोड़ की ठगी हो गई। ठगी हुई तो हुई लेकिन ठगी करने वाले विदेश भागे कंपनी प्रमोटर। अब जांच करेगी CBI जी हां दोस्तो इस चिटफंड घोटाले ने करोड़ों का चूना लगा दिया। LUCC Financial Fraud Case उत्तराखंड के सबसे बड़े फ्रॉड में से एक माने जा रहे एलयूसीसी (Loni Urban Multi-State Credit & Thrift Co-operative Society) चिटफंड घोटाला हो गया। वैसे आपने कई तरफ के अगल-अलग घपले घोटाले उत्तराखंड में देखे होंगे। लेकिन इस घोटाले ने सीधे लोगों की जेब पर डंका डाला, और फुर्र हो गए, यानि कंपनि परमोटर विदेश भाग निकले। वैसे इस देश में ऐसा करना बड़ा आसान लगता है, क्योंकि इससे पहले भी कई घोटाले बाजा…लाखों-करोंड़ा का घपला कर विदेश भाग गए। हालांकि उत्तराखंड में हुए इस चिटफंड घोटाले में सरकार का एक्शन देखने को मिला है। अब इस पूरे मामले की जांच सीबीआई करेंगी। राज्य सरकार की तरफ से जांच कराने की मंजूरी दे दी गई, लेकिन इस घोटाले को लेकर सवाल कई हो सकते हैं। लेकिन दोस्तो आपको यहां बता दूं कि जांच क्या चल रही है, उसके बाद इस कंपनी इस मामले को लेकर पूरी बात बताउंगा, कि कैसे एक कंपनी ने इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया, और निकल गये विदेश। उत्तराखंड में एलयूसीसी चिटफंड कंपनी के खिलाफ अलग-अलग जिलों में 13 से ज्यादा मुकदमें दर्ज है। देश के अन्य राज्यों में भी एलयूसीसी चिटफंड के खिलाफ शिकायत आई है। इसीलिए उत्तराखंड सरकार इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने जा रही है। एलयूसीसी चिटफंड घोटाले सीबीआई को ट्रांसफर करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी अनुमोदन मिल गया है। अभी तक प्रदेश में एलयूसीसी चिटफंड घोटाले में जितने में भी मुकदमे दर्ज हुए है, उन सबकी जांच CID कर रही थी। दोस्तो आपको बता दूं साल 2024 में पहला मामला सामने आया।
दरअसल, एलयूसीसी चिटफंड कंपनी के नाम पर लोगों के साथ क्या खेल हो रहा है, इसका पहला मामला एक जून 2024 को सामने आया था। हुआ ये था कि कोटद्वार की रहने वाली तृप्ति नेगी ने कोटद्वार की दुगड्डा शाखा में कार्यरत मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत पर आरडी खाता खोलने के नाम पर पैसे लेकर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। इस संबंध में बकायदा कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा किया गया, जिसके बाद पौड़ी पुलिस ने संबंधित अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ये खेल आगे बढा इसके अलावा पुलिस ने एलयूसीसी चिटफंड कंपनी स्टेट हेड सहित कुल 8 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरीश चन्द्र बिष्ट, उत्तम सिंह, समीर अग्रवाल और सबाब हुसैन के खिलाफ LOC नोटिस जारी किए गए थे। जानकारी के मुताबिक कंपनी ने देश भर में 189 करोड़ का घपला किया और जिसमें उत्तराखंड 92 करोड़ का घोटाला किया है। इस कंपनी के लोग विदेश भाग गए। वहीं इस LUCC चिट फंड घोटाले देहरादून टिहरी, कोटद्वार, रुद्रप्रयाग ,उत्तरकाशी में एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए हैं। अभी फिलहाल इस मामले में सीआईडी जांच कर रही थी। इस घोटाले को लेकर जहां कई सवाल हैं वहीं बीजेपी इस मामले की तहत तक जाने की बात कर रही है। उत्तराखंड के हजारों लोगों का पैसा इस कंपनी में लगा था। इस घोटाले की जांच के लिए पौड़ी के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, नैनीताल सांसद अजय भट्ट, टिहरी सांसद माला राज लक्ष्मी शाह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इन लोगों ने इस कंपनी के खिलाफ सख्त से सख्त ठोस कार्यवाही करने की मांग की है। अनिल बलूनि का क्या कहाना है इस मामले को लेकर, फिर उसके बाद विपक्ष प्रतिक्रिया भी दिखाऊंग। इस पूराने मामले पर सरकार या कहें बीजेपी के लोग तब जागे हैं जब घटला करने वाले विदेश भाग गए। ऐसा नहीं है कि इन लोगों के साथ धोखादड़ी हुई, वो लोग आवाज नहीं उठा रहे थे। वो लगातार मांग कर रहे थे कि एसे लोगों पर शिकंजा कसा जाना चाहिए। लेकिन हैरानी इस बात पर होती है कि तब इस मामले कोई कार्वाई नहीं होती है। कार्रवाई की बात तब हो रही है जब चिड़िया खेत भी चुग गई और विदेश उड़ गई। खैर आगे देखना होगा कथनी और करनी एक जैसी रहती है या कुछ फर्क पड़ता है। वैसे सवाल कांग्रेस के भी कुछ इसी तरह के हैं। आगे दिखाउंगा आपको कि कांग्रेस ने क्या कहा लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए।
उत्तराखंड में LUCC (loni Urban multi state credit & Thrift Co-operative Society) नामक चिटफंड कंपनी की शुरुआत साल 2017 के शुरुआत में होती है। बाद में यह कंपनी गढ़वाल श्रीनगर आई और वहां उसने गढ़वाल श्रीनगर को अपना बेस कैंप बनाकर लोगों को पैसा दुगने करने और बैंक से ज्यादा ब्याज देने का वादा कर बड़ी मात्रा में लोगों से पैसे जमा करवाती है। अब इस खबर पर गौर कीजिएगा दोस्तो इस कंपनी की धोखाधड़ी को लेकर पहला मामला 1 जून 2024 को सामने आया था, जिसमें कोटद्वार की रहने वाली एक युवती ने इस कंपनी की दुग्गड़ शाखा में कार्यरत मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत पर खाता खोलने के नाम पर पैसे लेकर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। जिसके बाद कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा दर्ज किया गया। पौड़ी पुलिस ने मामले में उपायुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन LUCC चिटफंड कंपनी की धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहे और इस मामले में पुलिस ने कंपनी के स्टेट हेड सहित कुल आठ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। साथ ही गिरीश चंद्र बिष्ट, उत्तम सिंह, समीर अग्रवाल और शबाब हुसैन के खिलाफ लुक आउट नोटिस (LOC) जारी किए गए। इसके अलावा और कुछ खास हुआ नहीं। घोटाला करने वाले कर गए। अब कांग्रेस भी तीखा सवाल कर रही है। प्रीतम सिंह, विधायक कांग्रेस, दोस्तो ये सवाल बेहद महत्वपूर्ण है कि कोई भी कंपनि आपके प्रदेश में आती है, लेकिन आपके पास यानि सरकार के पास ऐसे सिस्टम की कमी है जो उस पर निगरानी कर सके। दूसरी बात ये कि जिन लोगों के साथ ये घपला हुआ उनलोगों के साथ सिस्टम कभी खड़ा दिखाई नहीं दिया। तीसरी बात ये कि वक्त पर कार्रवाई का ना होना, क्योंकि कंपनी के परमोटर विदेश में हैं, और ये सब जानते हैं कि हमारी सरकारे कितने घोटाले बाजों को विदेश से स्वदेश लाने में कामयाब रही है। हां कहने के लिए, चुनावी फायदा उठाने के लिए वो नारे गढ़े गए की, नीरव मोदी, विजय माल्या, मेहुल चौकसी, ललीत मोदी और भी न जाने कितने होंगे। वो आज तक नहीं आ पाए हैं।