बीते रोज केदारनाथ धाम में मुकेश अंबानी के दर्शन के दौरान अब परंपरा उल्लंघन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। केदार सभा और चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पर मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं के उल्लंघन का आरोप लगाया है। BKTC President Hemant Dwivedi वहीं बीकेटीसी अध्यक्ष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए केदार सभा ने उन्हें पद से हटाने की मांग की है। केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी और वरिष्ठ सदस्य संतोष त्रिवेदी का कहना है कि समिति अध्यक्ष बनने के बाद से द्विवेदी का व्यवहार ठीक नहीं रहा है और उन्होंने कई बार पारंपरिक व्यवस्थाओं में हस्तक्षेप किया है। चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि वीआईपी दर्शन के नाम पर श्रद्धालुओं से धन वसूला जा रहा है, आम श्रद्धालुओं को दर्शन में परेशानी हो रही है और सबसे बड़ा अपमान तब हुआ जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के स्वागत में मुख्य पुजारी और पांडा पुरोहितों की भूमिका को नजरअंदाज किया गया। उनका कहना है कि अंबानी परिवार को आशीर्वाद देने और बाघंबर ओढ़ाने का अधिकार केवल मुख्य पुजारी को है, लेकिन यह कार्य खुद मंदिर समिति अध्यक्ष ने किया, जो सदियों पुरानी परंपरा के विरुद्ध है।
वहीं, इन तमाम आरोपों का जवाब देते हुए बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि केदार सभा और मंदिर समिति एक-दूसरे के पूरक हैं और किसी भी तरह की धार्मिक परंपरा का उल्लंघन नहीं हुआ है। द्विवेदी ने कहा कि गर्भगृह में अंबानी परिवार की पूजा परंपरा के अनुरूप हुई, जिसमें पांडा-पुजारी भी शामिल थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि बतौर समिति अध्यक्ष उन्होंने केवल मंदिर प्रांगण में अतिथि का स्वागत किया, जो किसी भी तरह से परंपरा का अपमान नहीं है। द्विवेदी ने यह भी कहा कि वीआईपी दर्शन को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह निराधार हैं। यह व्यवस्था पहले से चली आ रही है और इसे व्यवस्थित करने के लिए वह स्वयं प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि देश के सभी प्रमुख मंदिरों में दर्शनों के लिए SOP तय हैं और उसी व्यवस्था के तहत काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केदार सभा उनके अपने परिवार की तरह है और जल्द ही सभी से मिलकर उनकी शिकायतों का समाधान किया जाएगा। बीकेटीसी अध्यक्ष ने यह भी बताया कि इस वर्ष अंबानी परिवार ने उत्तराखंड में आई आपदा के बाद बद्री-केदार धाम के लिए दान राशि बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दी है। इससे धामों में श्रद्धालुओं और पुजारी समाज दोनों को सुविधा मिलेगी और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को बल मिलेगा। केदारनाथ धाम की परंपरा को लेकर उठे इस विवाद पर अब सबकी निगाहें सरकार और मंदिर प्रशासन पर हैं। देखना होगा कि पौराणिक परंपराओं और आधुनिक व्यवस्थाओं के बीच तालमेल कैसे बैठाया जाता है।