देहरादून: उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण के लिहाज़ से सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को 1 जुलाई से बंद करने का निर्णय लिया है। जिसकी गाइडलाइन जारी कर दी गई है। प्रदेश में 30 जून के बाद 75 माइक्रोन तक की प्लास्टिक प्रतिबंधित रहेगी। इस संबंध में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आदेश के बाद शहरी विकास विभाग ने भी दिशा निर्देश जारी किया हैं। प्रदेश में एक जुलाई से न तो प्लास्टिक की छड़ी वाले गुब्बारे बिकेंगे और न ही ईयर बड, स्ट्रॉ, चम्मच, चाकू, प्लेट बिकेंगी। निर्देशों के तहत 13 निकायों ने प्रतिबंध से संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिए हैं।
दरअसल, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से चार जून को शहरी विकास निदेशालय को एक पत्र आया है। इसमें कहा गया है कि 30 जून के बाद प्रदेश में 75 माइक्रोन तक की प्लास्टिक प्रतिबंध की जाए। इसके तहत निदेशालय ने सभी निगम, निकायों को पत्र भेजकर पुरानी 50 माइक्रोन की गाइडलाइंस में संशोधन करते हुए नया नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है। जिसके चलते प्लास्टिक युक्त ईयर बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक डंडियां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडियां, पॉली स्टाइरीन की सजावटी सामग्री पर रोक रहेगी। इसके अलावा प्लास्टिक प्लेटें, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, जैसी कटलरी, मिठाई के डब्बों को लपेटने वाली प्लास्टिक फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैक, 100 माइक्रोन से कम मोटे प्लास्टिक के बने बैनरों पर रोक रहेगी।
निश्चित तौर पर यह सराहनीय आदेश है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोगों को जागरूक करना होगा। प्लास्टिक का प्रयोग कम से कम करना होगा। प्रदेश में इस समय चारधाम यात्रा पूरे जोर शोर से चल रही है। देशभर से आ रहे तीर्थयात्रियों के प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की प्रक्रिया अपनाना बड़ी चुनौती बनने वाला है। इसके लिए राज्य सरकार को अलग से फोकस करना होगा।